Tuesday, April 16, 2024

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प्राण योग मुद्रा :आंतरिक शक्ति व ऊर्जा को बेहतर करने का माध्यम जानिये योग मुद्रा की विधि और लाभों को

योग अपनावे सुंदर जीवन पाये
प्राण मुद्रा के बारे में ..

जैसा कि पूर्व में आपको बताया जा चुका है कि शरीर में पांच तत्व मौजूद होते हैं और इन तत्वों (elements) के असंतुलित होने पर व्यक्ति व्याधियों से जकड़ जाता है। इन पांच तत्वों की विशेषता हमारे हाथों की उंगलियों में समाहित होती है। हाथ की पांच उंगलियों में वायु तर्जनी उंगली पर, जल छोटी उंगली पर, अग्नि अंगूठे पर, पृथ्वी अनामिका उंगली पर और आकाश (space) मध्यमा उंगली पर स्थित होता है।

प्राण मुद्रा

प्राण मुद्रा व्यक्ति के शरीर के जीवन तत्व (life element) को संतुलित रखने के लिए किया जाता है। यह योग मुद्रा इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है और बीमारियों से शरीर की सुरक्षा (safety) करता है। यह एक महत्वपूर्ण मुद्रा इसलिए भी माना जाता है क्योंकि यह शरीर को ऊर्जा से भर देता है। प्राण मुद्रा का अभ्यास करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है। प्रतिदिन इस मुद्रा का अभ्यास (practice) करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और दृष्टि तेज होती है। आंखों से जुड़ी बीमारियों और आंखों की थकान दूर करने के लिए यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है। शरीर को एक्टिव रखने में भी इस मुद्रा के बहुत फायदे हैं। शरीर में विटामिन की कमी को दूर करने, बीमारियों से रक्षा करने और आंतरिक अंगों (internal organs) को क्रियाशील बनाने में यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है।

प्राण मुद्रा के लाभ

1 प्राण मुद्रा का अभ्यास करने से प्रतिरक्षा प्रणाली मजबूत होती है।

2 प्रतिदिन इस मुद्रा का अभ्यास (practice) करने से आंखों की रोशनी बढ़ती है और दृष्टि तेज होती है।

3 आंखों से जुड़ी बीमारियों और आंखों की थकान दूर करने के लिए यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है।

4 शरीर को एक्टिव रखने में भी इस मुद्रा के बहुत फायदे हैं।

5 शरीर में विटामिन की कमी को दूर करने, बीमारियों से रक्षा करने और आंतरिक अंगों (internal organs) को क्रियाशील बनाने में यह मुद्रा बहुत फायदेमंद है।

प्राण मुद्रा करने की विधि

1. सर्वप्रथम स्वच्छ आसन बिछाकर उस पर सुखासन में बैठ जाएं

2. अपनी अनामिका उंगली(ring finger) और छोटी उंगली (little finger) को हल्का सा झुकाएं और इन्हें अंगूठे के पोर से सटाएं।

3. हाथ की बाकी दो उंगलियों को ऊपर की ओर बिल्कुल सीधा (straight) रखें।

4. अब अपनी हथेली को घुटने (thigh)के ऊपर रखें।

5. हाथों और कंधों को आराम दें और आंखें बंद करके कुछ देर तक इसी मुद्रा में बैठे रहें।

वंदे मातरम ??
स्वस्थ और सबल भारत
? डॉ राव पी सिंह dnys?
योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा
लाईफ ओके नेचर केयर एवं योगा सेंटर

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