वीना पाठक, शिमला( हिमाचल प्रदेश ) 24 अप्रैल ;
यह मांग हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की अगुवाई में शिमला में मिले शिष्टमंडल द्वारा मुख्यमंत्री से की गई । जिसमें अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संयुक्त सचिव पवन मिश्रा ,प्रांत अध्यक्ष पवन कुमार ,उपाध्यक्ष डॉ मामराज पुंडीर, राज्य महामंत्री विनोद सूद शामिल रहे। इस संबंध में महासंघ के प्रदेश मीडिया प्रभारी दर्शन लाल ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ की तरफ से शिक्षकों से जुड़ी विभिन्न मांगों को लेकर 13 सूत्रीय मांग पत्र सरकार को सौंपा गया है। जिसमें मुख्यमंत्री ने सभी मांगों को गौर करके क्रमबद्ध पूरा करने का आश्वासन दिया है। मांग पत्र में प्रमुख रूप से योग्यता पूरी करने वाले भाषा अध्यापकों को आरएंडपी रूल्स में सुधार करके टीजीटी बनाने, 2010 से पहले नियुक्ति टीजीटी को पदोन्नति में मुख्याध्यापक और प्रवक्ता की दोनों ऑप्शन बहाल करने, डाइट में कार्य कर रहे सभी अध्यापकों के प्रवक्ता होने के नाते डाइट का नियंत्रण उच्च शिक्षा निदेशालय के अधीन करने, 2012 से पहले पदोन्नत एचटी को पदोन्नति वेतन वृद्धि प्रदान करने, मार्च 2004 से पहले की पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग शामिल की गई है। इसके साथ वर्तमान में कोरोना के चलते स्कूलों को खोलने और चलाने के लिए पांच सुझाव रखे गए हैं ।जिसमें सामान्य स्थिति होने पर 10 + 2 की परीक्षा करवाने, स्कूलों में बच्चों की एडमिशन करवाने के लिए 1 मई के बाद रोटेशन के आधार पर अध्यापकों को स्कूल बुलाने, स्कूलों में टीकाकरण के योग्य अध्यापकों का बिना टीकाकरण के प्रवेश वर्जित करने संबधी सुझाव सरकार के समक्ष रखे गए। शिक्षकों से जुड़ी ज्वलंत मांगों को लेकर मुख्यमंत्री ने महासंघ को पूरा करने का आश्वासन दिया है।