Sunday, December 7, 2025

लंबित मांगों को लेकर किसानों का डीसी दफ्तर के बाहर रोष धरना आज

लंबित मांगों को लेकर किसानों का डीसी दफ्तर के बाहर रोष धरना आज
गुरदासपुर (संदीप सन्नी)
किसान मजदूर संघर्ष कमेटी पंजाब जिला गुरदासपुर इकाई ने लंबित मांगों को लेकर संघर्ष ओर तेज करने का ऐलान कर दिया है। स्थानीय रोष धरने के दौरान ने किसान नेताओं ने केंद्र और पंजाब सरकार की किसान विरोधी नीतियों को निराशा जाहिर की। उन्होंने वक्ताओं ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहा कि गन्ना सीजन 2024-25 गन्ने के बकाया रकम करीब 432 करोड़ रुपए है, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार 15% ब्याज सहित जारी करना चाहिए। उन्होंने मांगों पर जोर देते हुए कहा कि धान की पराली की संभाल के लिए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की हिदायतों तहत 6000 प्रति एकड़ किसानों को मुआवजा मिलना चाहिए। वहीं, मजदूरी में पराली जलाने वाले किसानों पर झूठे पर्चे बंद होने चाहिए। साथ ही किसानों को प्रताड़ित करने के लिए रेवन्यू रिकार्ड में रेड एंट्री और जुर्माना लगाना भी बंद करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि बाढ़ की मार पंजाब के हजारों परिवारों पर पड़ी है। अंसख्य एकड़ों फसलें बर्बाद हुई है। बाढ़ के कारण हुए नुकसान की भरपाई उचित मुआवजे के साथ सरकार को करनी चाहिए। इसलिए धान का 70 हजार रुपए प्रति एकड़, खराब हुए गन्ने, गोभी व अन्य सब्जियों पर एक लाख रुपए, मवेशी (गायों/भैंसों) का पाँच लाख रुपए, गिरे या बह चुके मकानों या उससे अधिक क्षतिग्रस्त हुए मकानों को सर्वे अनुसार उचित मुआवजा दिया जाए। उन्होंने सरकार द्वारा भुला चुके वादों को याद कराते हुए कहा कि शंभू/घनौरी मोर्चे पर जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों को मंजूर मांगों अनुसार 5-5 लाख रुपए जल्द जारी किए जाएं। साथ ही पीड़ित परिवारों का सरकारी, गैर-सरकारी कर्ज माफ कर परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए।
उन्होंने मंडियों में किसानों की प्रताड़ना पर बोलते हुए कहा कि अनाज मंडियों में धान को बिना कट लगाए खरीदा जाना चाहिए। वहीं नमी की मात्रा कम से कम से 24 प्रतिशत की जाए। साथ ही कट लगाने वाले आढ़तियों, शैलरों, मालिकों एवं मिलीभुगत वाले अधिकारियों के खिलाफ पर्चे दर्ज होने चाहिए। इसके अलावा उन्होंने प्रीपेड (चिप) मीटर लगाने बंद करने, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में हाड़ी सीजन की बिजाई हेतु सरकार, डाइया खाद यूरिया और बीज दवाइयां मुहैया कराने की मांग उठाई। अंत किसान नेताओं ने चेताया कि यदि उनकी लंबित मांगों को नहीं माना गया तो 13 अक्टूबर को डिप्टी कमिश्नर गुरदासपुर दफ्तर के समक्ष रोष धरना दिया जाएगा

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