सर्वोच्च न्यायालय द्वारा बनाई टास्कफोर्स से साफ है मोदी सरकार गम्भीर नहीं-कांग्रेस
दीपक शर्मा बोले ऑक्सीजन वितरण में केंद्र कर रहा राज्यों से भेदभाव
वैक्सीन पर राज्यों से जीएसटी लेना भी तर्कसंगत नहीं
हिमाचल, 9 मई, 2021 ( वीना पाठक)
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा देश में ऑक्सीजन वितरण प्रणाली को दुरुस्त करने के लिए टास्कफोर्स का गठन करने का फैसला स्वागत योग्य है। सर्वोच्च न्यायालय ने इसमें हो रहे भेदभाव का संज्ञान लेकर जो सम्वेदनशीलता दिखाई है उससे यह बात साफ है कि मोदी सरकार राज्यों के साथ भेदभाव कर रही है।यह बात प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता दीपक शर्मा ने आज जारी प्रैस विज्ञप्ति में कही।उन्होंने कहा कि जो काम केंद्र सरकार को करना चाहिए था उसे सर्वोच्च न्यायालय कर रहा है। यह सरकार की अकर्मण्यता को दर्शाता है। मोदी सरकार का गैर-भाजपा शासित राज्यों के साथ रवैया भेदभाव पूर्ण है।करोना संकट के दौर में भी सरकार की इस तरह की भेदभावपूर्ण नीति से भाजपा की विकृत मानसिकता का आभास होता है। कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वैक्सीन देने में भी सरकार राज्यों से जीएसटी ले रही है। जबकि वैक्सीन एवम अन्य जीवनरक्षक दवाओं पर जीएसटी लेने का कोई औचित्य नहीं है। यह सीधा सीधा आपदा में मुनाफा कमाने के समान है। इस तरह की लूट केंद्र सरकार द्वारा की जा रही है। उन्होंने कहा कि जितना धन राज्य सरकारें जीएसटी के रूप में केंद्र को देंगी उस धन से अगर राज्य वैक्सीन खरीद कर जनता को लगवाएं तो करोना की रोकथाम में बड़ा लाभ हो सकता है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मोदी सरकार ने कल्याणकारी राज्य की मूल भावना को नष्ट करके देश को एक कारपोरेट कम्पनी बना कर रख दिया है। देश की जनता की मजबूरियों का नाजायज़ फायदा उठाया जब रहा है। जनता को लूटा जा रहा है और बड़े कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाया जा रहा है।कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि वैक्सीन,ऑक्सीजन एवम दवाओ पर जीएसटी लागू नहीं होनी चाहिए। इससे राज्यों पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि मानवता के ऊपर आये इस घोर संकट की घड़ी में भी कमाई के साधन ढूंढना और जनता की मजबूरी का फायदा उठाना मोदी सरकार की व्यवसायिक सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि सरकार असंवेदनशील हो चुकी है। बड़े घरानों के चंगुल में फंस कर देश को लूटने का काम किया जा रहा है। इस दौर में जो भी सरकार की गलत नीतियों का विरोध कर रहा है उसे दबाने की कोशिश की जा रही है। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए ऐसी नीति घातक है।