हिमाचल के बेरोजगार युवा फार्मासिस्टों के अरमानों की सरेआम अनदेखी करने की कोशिश
सोलन में दवाओं की दुकान का टैंडर आनन फानन में कोरोना काल में प्रकाशित
शिमला, 04 जुलाई ( ब्यूरों) :
आयुर्वेद अस्पताल सोलन का बाबा आदम ही निराला है। यहाँ दवाओं की दुकान का टैंडर आनन फानन में कोरोना काल में प्रकाशित कर के रख दिया। यह उस समय हुआ जव बसों की आवाजाही बंद पड़ी थी। जिसके चलते कई चाहवान चाह कर भी इसको भर नहीं सके। इस प्रकाशित टैंडर में ऐसी शर्तों को दिया गया है कि यह दुकान पहले से सपन्न दवा विक्रेताओं को और भी सपन्न करने के लिए ही लगती हैं। इस टैंडर के लिए बंद कमरें में बैठ कर बनाई शर्तों के हिसाब से हिमाचल के बेरोजगार युवा फार्मासिस्टों के अरमानों का सरेआम अनदेखी करने की कोशिश की गई हैं। प्रदेश सरकार आए दिन दम भरते नहीं थकती है कि सरकार बेरोजगार युवाओं की हितेषी है व उनके हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। पंरतु इस दुकान के लिए रखी शर्तों के अनुसार यह दुकान पहले से ही दुकान कर रहा युवा ही ले सकता है जो कि सरासर गलत है, और बेरोजगार युवाओं के हकों से सरेआम खिलवाड़ करने की वात ही कही जा सकती है। सरकार के वादों को ही तार ताऱ करने की कोशिश इस टैंडर में रखी शर्तों से कर दी गई है ।
ऐसा लगता है कि सरकारी अफसरशाही ने भी अब मन बना लिया है कि पूछने वाला कोई है नहीं जो दिल में आता वो करें। सूत्र वताते हैं कि इस बाबत बेरोजगार फार्मासिस्ट संघ ने उपायुक्त सोलन से दूरभाष व उनके कार्यालय में जाकर बात करनी चाही पर वो उपलब्ध नहीं हो सके। उनके स्टाफ के कानों में यह बात डाल दी है कि यह अन्याय किया जा रहा है। सूत्र बताते है कि मामलें को माननीय न्यायालय में लेकर जाने की बात भी की जा रही हैं। आरएसएस से जुड़े एक व्यक्ति ने तो नाम न छापने की शर्त पर यहाँ तक बोल दिया कि हमारे प्रधानमंत्री आए दिन जनऔषधि केद्र खोलने की वात करते नहीं थकतें हैं। जिससे मरीजों को सस्ती दवाएं उपलब्ध हो सकें। उलटे उसके यहाँ सरकारी कुर्सियों तोड़ रहे हुकमरान प्रधानमंत्री की बातों को भी अनसुना कर मंहगे दामों वाली दुकान को खुलवाने के लिए अड़े हुए हैं जो कि समझ से परे की वात है। लगता है कि यहां मरीजों के हितों का किसी को कोई भी सरोकार नहीं हैं। जांच का विषय बनता है कि कहीं यह किसी को फायदा देने के लिए ताना बाना तो नहीं वुना गया है ? संघ ने तो यहाँ तक बोल दिया कि लगाए गए टैंडर में तो आरकेएस की टैंडर प्रकिया को लेकर जारी की गई गाईडलाईन को भी नजरअंदाज कर दिया गया है। उनके अनुसार जारी गाईडलाईन में टैंडर के लिए टैकनीकल, फाईनैन्शियल बिड का होना लाजिमी होता है, पंरतु जारी टैंडर में इन सब नियमों की अनदेखी कर दी गई है, और बोली लगाई जा रही है जो कि सरकार दवारा वनाई गई आरकेएस की गाईडलाईन की भी सरेआम धज्जियां उड़ानें की वात ही दिखती है। बहरहाल यह दुकान का टैंडर चर्चा का विषय बन गया है। वताते चले कि यह सब स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले में हो रहा है। ऐसा लग रहा है कि स्वास्थ्य मंत्री की इमानदारी को भी अब उनके विभाग की अफसरशाही पलीता लगाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती हैं। फार्मासिस्ट संघ ने इस टैंडर को कैंसल करने की मांग उठाई है जिससे उनके हितों की अनदेखी न हो।