फोटो – एंबुलेंस कर्मी शव को शमशान घाट ले जाते हुए
गोरखपुर( ब्यूरों): मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जिले गोरखपुर में दिल दहला देने वाला एक मामला सामने आया है। यहां कोरोना से एक परिवार की पहले पिता फिर शिक्षक बेटे की मौत के बाद मोहल्लेवालों ने धड़ाधड़ अपने घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद कर ली। कोरोना संक्रमण के चलते शिक्षक के भाई और भतीजे पहले ही दूसरे मोहल्ले में आइसोलेशन में थे। ऐसे में घर पर छह घंटे तक शव पड़ा रहा लेकिन कोई कंधा देने वाला नहीं मिला।
फोटो – बड़े बेटे ने दी पिता व छोटे भाई को मुखाग्नि
दूसरे मोहल्ले में आइसोलेशन में रह रहे शिक्षक के भाई ने फोन से प्रशासनिक अधिकारियों को इसकी जानकारी दी। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे शव राप्ती तट पर ले जाया गया। पिता को मुखाग्नि देने वाले बड़े भाई ने ही छोटे भाई का अंतिम संस्कार किया। इंसानियत को झकझोर देने वाली यह घटना गोरखपुर के रामजानकी नगर की है। सोमवार को कॉलोनी में रहने वाले रिटायर बिजली कर्मचारी की मौत हो गई। परिवार के मुताबिक उनकी रिपोर्ट निगेटिव थी लेकिन लक्षण कोरोना वाले ही थे।
ऐसे में शिक्षक बेटे ने अपनी और दोनों भाइयों व बच्चों की बीआरडी मेडिकल कॉलेज में रविवार को जांच कराई जिनकी रिपोर्ट पिता की मौत के एक दिन बाद पॉजिटिव आई थी। पिता का अंतिम संस्कार करने के बाद परिवार होम आइसोलेशन में था। इस सदमे से परिवार अभी उबर भी नहीं पाया था कि गुरुवार की देर रात शिक्षक की हालत बिगड़ गई। शुक्रवार तड़के संक्रमित भाई और भतीजे उन्हे ऑटो से एचएन सिंह चौराहे के पास एक निजी अस्पताल में ले गए, जहां डॉक्टर ने उन्हे मृत बताया। यहां से उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले गए जहां कोविड हॉस्पिटल के सामने एंबुलेंस ड्यूटी में तैनात टेक्नीशियन ने भी मृत बताया तब सुबह करीब सात बजे शव लेकर घर आ गए।
शव देखते ही आसपास के घरों के दरवाजे और खिड़कियां बंद हो गईं। दोपहर तक शव घर पर ही पड़ा रहा। कंधा देने के लिए चार लोग भी नहीं मिले। भाई के संक्रमित होने से खुद को आइसोलेट करने वाले विजय ने फोन से प्रशासनिक अफसरों को सूचना दी तब जाकर शव राप्ती तट पर पहुँचा। पिता को मुखाग्नि देने वाले बड़े भाई ने ही छोटे भाई का अंतिम संस्कार किया।