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विवेक अग्रवाल, शिमला (28 अगस्त):
वर्ष 2011 की जनगणना में जहां ज़िला ऊना में शिशु लिंग अनुपात 875 तथा जून 2021 में 938 हो गया है जबकि विकास खंड ऊना का शिशु लिंग अनुपात बढ़कर 955 हो गया है। यह जानकारी आज एसडीएम डॉ. निधि पटेल ने कल्याण भवन में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ तथा पोषण अभियान की खंड स्तरीय निगरानी समिति की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में ऊना विकास खंड में बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता में बदलाव के लिए कन्याओं के लिए अनेकों प्रोत्साहनवर्धक योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं। मेरे गांव की बेटी मेरी शान के तहत ऊना विकास खंड की 15 बेटियों को विशिष्ट उपलब्धि हासिल करने पर बड़े समारोहों में सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त विशेष उपलब्धि हासिल करने वाली वीमेन एचीवर के फोटाग्राफ, फ्लैक्स व होल्डिंग विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में लगाये गए हैं। बेटियों वाले परिवारों को उपायुक्त कार्ड भी दिये जाते हैं जिससे उन्हें सरकारी कार्य करवाने में प्राथमिकता दी जाती है। इसके अलावा भ्रूण हत्या को रोकने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से गर्भवती महिलाओं की पहचान करके शिशु के जन्म लेने तक पूरी निगरानी रखी जा रही है, जिसके सकारात्मक परिणाम आने आरंभ हो गये हैं। उन्होंने बीएमओ को नियमित तौर पर अल्ट्रासाउंड केन्द्रों पर निगरानी रखने के निर्देश दिये ताकि किसी भी स्तर पर लिंग जांच न हो सके। इसके अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को पंजीकरण करवाना सुनिश्चित करें।
एसडीएम ने बताया कि बेटी है अनमोल योजना के तहत ऊना विकास खंड की 45 कन्याओं को 5 लाख 36 हजार रूपये की राशि प्रदान की गई है। इसके अलावा चिंतपूर्णी मन्दिर ट्रस्ट के माध्यम से 9 अनाथ कन्याओं को नन्दा इंस्टिच्यूट व हिमकैप्स नर्सिंग कालेज बढेड़ा में जीएनएम का कोर्स करवाया जा रहा है। नवजात बच्चियों को बेबी किट्स प्रदान की जा रही हैं। गरिमा योजना के तहत 9 बेटियों के अभिभावकों को 21-21 हजार रूपये की एफडीआर प्रदान की गई। पौधारोपण अभियान के तहत ऊना विकास खंड में एक बूटा बेटी के नाम के तहत 355 आंगबाड़ी केन्द्रों में 1800 फलदार पौधे रोपित किये गए हैं। इसके अलावा बेटी की सुरक्षा के लिए 67 सशक्त महिला केन्द्र संचालित हैं। संबल योजना के तहत शिक्षा के लिए पांच बेटियों को 5 लाख 51 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
पोषण अभियान में जिला ऊना राज्य में प्रथम-
पोषण अभियान पर चर्चा करते हुए एसडीएम ने बताया कि पोषण पखवाड़ा 16 से 31 मार्च तक आयोजित किया गया, जिसमें जिला ऊना को प्रदेश में प्रथम रहा जबकि जिला स्तर पर अम्ब विकास खंड प्रथम तथा ऊना विकास खंड के दूसरे स्थान पर रहा है। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं तथा चिकित्सा विभाग को निर्देश दिये कि वे धात्री महिलाओं में कोविड 19 वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों बारे जागरुक करें तथा उन्हें शीघ्र टीकाकरण के लिए प्रोत्साहित करें। उन्होंने बीएमओ को 9 माह से 5 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों को शत प्रतिशत विटामिन ए सप्लीमेंट देना सुनिश्चित करने के निर्देश दिये।
कोविड वैक्सीन जच्चा बच्चा की सुरक्षा के लिए जरूरी-
डॉ. निधि पटेल ने महिलाओं से आहवान किया है कि कोविड-19 वैक्सीन के लिए किसी प्रकार की भ्रांतियों में न आएं। यह टीका महिला व शिशु दोनों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है तथा कोई भी महिला गर्भवती होने के चार माह बाद और शिशु जन्म से एक माह पूर्व तक टीकाकरण करवा सकती है ताकि माता के साथ-साथ गर्भ में पल रहे बच्चे में भी एंटीबॉडीज़ विकसित हो सकें और जच्चा बच्चा दोनों सुरक्षित रहें।
बैठक में डीपीओ सतनाम सिंह, बीएमओ बलराम धीमान, तहसील कल्याण अधिकारी जितेन्द्र कुमार, एसडीओ जलशक्ति एचएस ठाकुर, एसईवीपीओ मुकेश कुमार सहित विभिन्न विभागों को अधिकारियों ने भाग लिया।
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