जनता की जेब पर चली कैंची और महंगाई हुई बेलगाम : एडवोकेट संदीप वर्मा
जालंधर, 9 जून ( शिव कुमार) – एडवोकेट संदीप वर्मा ने कहा है कि मोदी सरकार के सत्ता काल में महंगाई ने आम आदमी को निचोड़ डाला है। लोगों की आर्थिक स्थिति पर सरकार ने कैंची चलाई है महंगाई कई गुना बढ़ाई है, जिससे जनता में हाहाकार मची है।
यहां एक बयान में एडवोकेट संदीप वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार ने जब बिना विशेषज्ञों की राय लिए नोटबंदी का एक तरफा निर्णय लिया था, तब से देश की अर्थव्यवस्था पर इसका बुरा असर पड़ना शुरू हो गया था और उद्योग धंधों पर सर्वाधिक मार पड़ी थी, जिससे देश अभी तक उबर नहीं पाया है। उन्होंने कहा जीएसटी और लॉकडाउन ने रही सही कसर पूरी कर दी जिससे लाखों लोग बेरोजगार हो गए व लाखों लोगों की सैलरी पर कट लग गया। एडवोकेट संदीप वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार के शासनकाल में लोगों की इनकम और महंगाई के बीच में एक बहुत बड़ा फैसला आ गया है। आय सिकुड़ गई है और महंगाई आसमान छू रही है। इससे गरीब आदमी के लिए दो वक्त की रोटी जुटाना मुश्किल हो गया है और आम आदमी की भी कमर टूटने लगी है।
एडवोकेट संदीप वर्मा कहा कि सत्ता में आने से पहले हर साल लाखों युवाओं को रोजगार का झांसा देने वाली मोदी सरकार ने सत्ता में आने के बाद लाखों युवाओं को बेरोजगार करके घर बैठा दिया है। छोटे लघु धंधे और छोटे दुकानदार का बिजनेस चौपट हो गया है। सरकार ने किसी वर्ग को कोई राहत नहीं दी है और सिर्फ जुमलेबाजी करके जनता को बहलाया जा रहा है।
एडवोकेट संदीप वर्मा ने कहा कि मोदी सरकार चंद औद्योगिक घरानों पर ही मेहरबान रही है और देश की जनता को बुरे दिनों की ओर धकेल दिया है। उन्होंने कहा देश की जीडीपी पाताल की तरफ जा रही है जबकि महंगाई आसमान की तरफ जा रही है। जनता बेहाल है और भाजपा नेताओं को अपनी नाकामी पर शर्मिंदा होने की बजाय विपक्ष को कोसने से ही फुर्सत नहीं मिल रही।
एडवोकेट संदीप वर्मा ने कहा कि जनता के सब्र का पैमाना अब छलकने लगा है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के इस भयावह दौर में जिस तरह लाखों लोगों ने ऑक्सीजन और वेंटिलेटर के अभाव में दम तोड़ा है, उससे पूरी दुनिया में भारत की छवि प्रभावित हुई है। उन्होंने कहा इस कठिन दौर में जब दुनिया के अन्य देश अपने नागरिकों के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने में लगे थे, तब मोदी सरकार अपनी सत्ता की भूख मिटाने में लगी थी, जिसका खामियाजा पूरे देश ने भुगक्ता है।