कुटलैहड़ में आपदा प्रबंधन को लेकर सख्त हुए विधायक विवेक शर्मा, बोले ड्यूटी में लापरवाही बर्दाश्त नहीं, कोई भी रिश्तेदारों की सिफारिश लेकर ना आए
विवेक अग्रवाल, शिमला:
कुटलैहड़ क्षेत्र में प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हालातों को लेकर विधायक विवेक शर्मा ने आपदा प्रबंधन को लेकर सख्त रुख अपनाया है। उपमंडल बंगाणा में आयोजित आपदा प्रबंधन की समीक्षा बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि राहत और बचाव कार्यों में किसी भी प्रकार की कोताही बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने दो टूक कहा—”यदि कोई कर्मचारी अपने कर्तव्यों से मुंह मोड़ता है तो फिर उसके लिए कोई सिफारिश काम नहीं आएगी, चाहे वह मेरा खुद का रिश्तेदार ही क्यों न हो।”
मानवीय संवेदनाओं के साथ प्रशासनिक सख़्ती का परिचय
अक्सर सौम्य व्यवहार, शांत व्यक्तित्व और चेहरे पर हमेशा मुस्कान रखने वाले विधायक विवेक शर्मा इस बार पूरी तरह बदले-बदले नजर आए। बैठक के दौरान उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यह समय पीड़ितों के साथ खड़े होने का है, न कि बहानेबाज़ी करने का। उन्होंने ने बताया कि दर्जनों परिवार बेघर हो चुके हैं और कई गांव पूरी तरह से प्रभावित हैं, ऐसे में एक भी अधिकारी या कर्मचारी यदि ड्यूटी से चूका, तो उसे कड़ी जवाबदेही के लिए तैयार रहना होगा।
तीन दिनों में पचास किलोमीटर का पैदल चल कर , राहत सामग्री भी खुद बांटी
विधायक विवेक शर्मा ने न केवल प्रशासनिक स्तर पर सक्रियता दिखाई, बल्कि खुद भी फील्ड में जाकर राहत कार्यों का जायज़ा लिया। उन्होंने तीन दिनों में उन्होंने करीब पचास किलोमीटर का पैदल सफर तय कर उन गांवों में पहुंचे जो भारी बारिश और भूस्खलन की वजह से पूरी तरह प्रभावित हुए हैं। उन्होंने न केवल ज़मीनी हकीकत का जायजा लिया, बल्कि लोगों से बात कर उनकी समस्याएं भी सुनीं।
उन्होंने बताया कि वे केवल सरकारी इंतजामों पर निर्भर नहीं हैं। जरूरत पड़ने पर वे अपनी निजी आय से भी पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। कई गांवों में उन्होंने राशन, तिरपाल और अन्य आवश्यक सामग्री खुद वितरित की और भरोसा दिलाया कि जब तक हर परिवार को मुआवजा और राहत नहीं मिलती, वे आराम से नहीं बैठेंगे।
रिपोर्ट तैयार करने में देरी पर जताई नाराजगी, अफसरों को दिए सख्त निर्देश
विवेक शर्मा ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर प्रभावित परिवार की नुकसान की रिपोर्ट तीन दिन के भीतर तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में देरी का मतलब है प्रभावितों की तकलीफ को बढ़ाना और ऐसा रवैया बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासनिक लापरवाही से राहत कार्यों में रुकावट नहीं आनी चाहिए।
प्रशासन को वैकल्पिक रास्ते तैयार करने के निर्देश
विधायक ने उन क्षेत्रों का विशेष ज़िक्र किया जहां संपर्क मार्ग पूरी तरह टूट चुके हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जहां सड़कें टूट गई हैं, वहां वैकल्पिक रास्ते जल्द से जल्द तैयार किए जाएं ताकि राहत सामग्री समय पर पहुंच सके। साथ ही पेयजल योजनाएं, बिजली व्यवस्था और संचार सेवा की बहाली को प्राथमिकता देने को कहा।
जनता के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने का भरोसा
विधायक विवेक शर्मा ने कहा कि वे इस कठिन समय में क्षेत्र की जनता के साथ हैं। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं को वे खुद मुख्यमंत्री तक पहुंचाएंगे और जब तक अंतिम पीड़ित को भी राहत नहीं मिल जाती, तब तक वे फील्ड में डटे रहेंगे।
जनता ने की विधायक की निष्ठा और सेवा भावना की सराहना
कुटलैहड़ क्षेत्र के लोगों ने विधायक विवेक शर्मा की सक्रियता और संवेदनशीलता की खुले दिल से सराहना की है।
कुटलैहड़ कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राम आसरा शर्मा, के सी शर्मा, केवल कृष्ण शर्मा, जगदीश शर्मा, राम प्रकाश, विपिन शर्मा सहित सैकड़ों लोगों का कहना है कि आपदा के समय उनके जनप्रतिनिधि का पैदल गांव-गांव जाकर लोगों से मिलना और निजी स्तर पर मदद करना अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि विधायक की सक्रिय उपस्थिति से उन्हें इस कठिन समय में मनोबल मिला है।
विधायक की कार्यशैली बनी संकट की घड़ी में बड़ी ताकत
आपदा के समय विवेक शर्मा की कार्यशैली ने उन्हें केवल एक जनप्रतिनिधि नहीं, बल्कि जनता के सच्चे हितैषी के रूप में स्थापित किया है। एक ओर वे पीड़ितों को गले लगाकर ढांढस बंधा रहे हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशासन को सख्त चेतावनियां देकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी परिवार को सहायता पाने में देरी न हो। उनकी संवेदनशीलता, जवाबदेही और तत्परता आज कुटलैहड़ की बड़ी ताकत बन गई है।