जालन्धर ( 20 अक्तूबर ) : आज पंजाब प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता के दौरान कपूरथला के निवासी और लोगों के हरमन प्यारे सोशल वर्कर वीरेंद्र गुलियानी अपने कुछ साथियों सहित प्रेस के रूबरू हुए इस प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए उन्होंने पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू को मुख्य मुद्दा बनाया । पंजाब की राजनीति में मची उथल – पुथल के कई कारण हो सकते हैं लेकिन अलग – अलग पार्टियों के अलग – अलग राजनेताओं के निशाने पर सिर्फ राज्य के हरमन प्यारे नेता नवजोत सिंह सिद्धू ही रहते हैं । चाहे वो पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह हो या अकाली दल के सुप्रीमो सुखबीर बादल या फिर किसी अन्य राजनीतिक दल का कोई अन्य राजनीतिक नेता हर वार सिर्फ और सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू को ही निशाने में लिए जाने का कारण उनकी बेबाक बोली , भ्रष्टाचार से सख्त नफरत व पंजाब के मुद्दों से समझौता ना करना है । अगर बात वर्तमान राजनीति पर की जाए तो इस समय नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी व राजनीति दोनों से साइड करने की कोशों की जा रही है , जिसके कारणों से आप सभी वाकिफ हैं । नवजोत सिंह सिद्धू जो कि मुख्यमंत्री तक की कुर्सी का न्यौछावर कर चुके हैं । उनकी असल सच्चाई को आज पंजाब के लोगों को जानने की बहुत जरूरत है क्योंकि कहीं ऐसा न हो कि पंजाब के हाथों ऐसा अनमोल हीरा हाथ से छूट जाए बात करेंगे नवजोत सिद्धू के करियर की जब क्रिकेट जगत में ऊंची बुलंदियों को छूने वाले सिद्धू ने कभी किसी लालच में आकर अजय जडेजा जैसे अन्य क्रिकेटरों की तरह मैच फिक्सिंग कर करोड़ों रुपए नहीं बनाए । राजनीति में अन्य नेताओं की तरह अपनी कुर्सी और संबंधों का नाजायज फायदा लेते हुए किसी प्रकार का कोई केवल नेटवर्क , बसों का काफिला , होटल , मोटल यां रिजॉर्ट नहीं बनाए । किसी नशे का कारोबार रेत व दजरी के कारोबार में कभी उनका कभी नाम नहीं आया । अपने बच्चों को काबिलियत और एवं हुनर के जरिए हमेशा आगे बढ़ते रहने की प्रेरणा दी । खुद तो क्या अपने बेटे को भी दी गई बड़ी पोस्ट को निछावर कर दिया । इनके कद की बात की जाए तो पंजाब स्टेट में तो क्या अपने संबंधों से वह केंद्र में भी बड़ी से बड़ी पोस्ट को हासिल करने की क्षमता रखते हैं । उनकी काबिलियत पर उनकी अपनी पार्टी तो क्या विरोधी भी नाज करते हैं । कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन टूडो के वेलकम पंजाब का नाम ऊंचा करने का अय इसी सिद्धू को ही जाता है । लगातार साढ़े चार साल से कांग्रेस पार्टी का नाम खराब होने के बाद डैमेज कंट्रोल करते पंजाब कांग्रेस को मजबूती की बुलंदियों की तरफ फिर से ले कर जाना सिर्फ सिधू के ही बस की बात थी । मुख्यमंत्री की पोस्ट को खुद ना लेकर चरणजीत सिंह चन्नी को दिला देना उनकी दरियादिली की एक बड़ी मिसाल है । पंजाब के सिखों ही नहीं देश और दुनिया में बस रहे पंजाबियों को करतारपुर लांघे का सुभाग प्राप्त करवाने का पुण्य इस पंजाब के शेर नवजोत सिंह सिद्धू को मिला , जिस काम को अंजाम देने का काम देश के बड़े से बड़े किसी भी पार्टी के लीडर या राजनीतिक पार्टियां तक नहीं कर पाई । सिद्धू के इस पुण्य को विरोधियों ने देश विरोधी सावित करने की भी कोशिशें लगातार जारी रखी । लेकिन हमारा मानना है कि यह श्री गुरु नानक देव जी की उन पर कृपा ही थी कि कोई उनका आज तक बाल न बांका कर सका । अंत में इस लोकतंत्र को बचाए रखने वाले एकमात्र जरिए मीडिया की मदद से पंजाब के लोगों को एक गुहार लगाना चाहेंगे कि अगर अब भी उन्होंने डूबते हुए पंजाब की बागडोर नवजोत सिंह सिद्धू को देने की बजाए किसी गलत हाथों में थमा दी तो पंजाबियों को आने वाले अगले वर्षों में पछतावे के अलावा और कुछ नहीं हासिल हो पाएगा । जरा सोच लें कि आपको किस तरह का नेता चाहिए नवजोत सिंह सिद्धू जैसा या पंजाब को नशा , भूमाफिया व भ्रष्टाचार के दलदल में धकेलने वाले नेता ।