- निगम अधिकारियों की ढीली कार्यप्रणाली के चलते शहर लगातार अपनी अस्तित्व खो रहा है।
- जालंधर की साफ सफाई व्यवस्था बिल्कुल चरमरा गई है।
- डीसी जालंधर ने कहा था शहर को कूड़ा मुक्त कर दिया है, कैमरे भी लगाए गए हैं लेकिन कूड़े का ढेर कुछ और बया कर रही हैं।
- BMC चौक के समीप जनता के लिए पब्लिक वाशरूम बनाया गया है परंतु निगम ने कूड़े का ढेर लगाकर उसे बंद कर दिया।
** कूड़े के ढेर को हटाने की बजाए जालंधर नगर निगम ने सार्वजनिक टॉयलेट को ही बंद कर दिया। यह पैसे की बर्बादी नही तो क्या?
जालंधर : पिछले कई अरसे से जालंधर शहर को साफ सुथरा देखने के लिए आंखे तरस रही है।परंतु शहर को कूड़ा मुक्त कराने में कोई भी सफल नहीं हो पाया। प्रशासन पूरी तरह से फेल हो गया है। डीसी ने भी राजनेताओं की भांति सिर्फ खानापूर्ति व बयानबाज़ी ही की है। डीसी ने सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने की बात कही थी। सीसीटीवी कैमरे तो लगे नही परंतु शहर में जगह जगह कूड़े का ढेर जरूर लग रहा है। जिस तरह से शहर की सफाई व्यवस्था चरमरा गई है शहर वासियों के लिए सड़कों पर से गुजरना मुश्किल हो गया है। जहा देखो जिस चौराहे पर देखो सिर्फ गंदगी ही नजर आएंगे।
अगर कहा जाए पिछली सरकारों में फिरभी सफाई व्यवस्था इतनी गड़बड़ा नही गई थी। लेकिन जबसे आम आदमी पार्टी की सरकार बनी है ,सरकार के नुमाइंदों ने इस और ध्यान देना ही बंद कर दिया। मान सरकार के नुमाइंदों को जनता की कोई परवा नहीं है। शहर में जितनी ज्यादा गंदगी आप की सरकार बनने के बाद फैलाई गई है शायद ही कभी किसी सरकार के समय में हुआ हो।
अगर बात करे जालंधर मेयर की तो वो बात सुनते ही नहीं फोन करो तो फोन उठाते ही नहीं। घमंड इतना है कि बात सुनने को तैयार नहीं। शहर के सभी विधायकों ने काले चस्मे लगा रखे हैं जिन्हे शहर में हरियाली नजर आता है। शहर की सफाई व्यवस्था राम भरोसे है।