रसूली नुनशियों जी का जालंधर डायोसिस में पासबानी दौरा
जालंधर, शैली अल्बर्ट:
परम सम्माननीय आर्चबिशप लियोपोलडो गिरेली, संत पापा फ्रांसिस जी के भारत में प्रतिनिधि हैं। बीते वर्ष अपनी भारत तथा नेपाल के नुनशियो के तौर पर नियुक्ति के बाद वह पहली बार जालंधर डायोसिस में दो दिन के पासवानी भ्रमण पर जालंधर डायोसिस में पधार रहे हैं। परम सम्माननीय बिशप ऐग्नेलो ग्रेशीयस जालंधर डायोसिस के रसूली संचालक, क्षेत्र के पुरोहितों, धार्मिक बहनों तथा आम लोगों के साथ मिलकर साहनेवाल में उनका स्वागत करेंगे। जालंधर डायोसिस में अपने भ्रमण के दौरान रात्रि 8 बजे नुनशियो जी जालंधर डायोसिस के मुख्यालय बिशप हाऊस, सिविल लाईन्ज़, जालंधर पहुंचेगे।
उनके दो दिवसीय पासबानी भ्रमण के दौरान परम सम्माननीय गिरेली जी सैक्रेड हार्ट चर्च, जालंधर शहर तथा सेंट मैरीज़ कैथेडरल चर्च जालंधर छावनी में प्रार्थना सभाओं का नेतृत्व करेंगे। अपने इस भ्रमण के दौरान वह ट्रिनटी कालेज कैंपस तथा सेंट पाईस चर्च, लम्मा पिंड पधारेंगे तथा फादर साहिबान, सिस्टर साहिबान एवं विश्वासियों के साथ मीटिंग भी करेंगे। दिल्ली वापसी के दौरान नुनशियो जी बी.आर.एस. नगर लुधियाना से होते हुए अपने पासबानी भ्रमण का समापन करेंगे।
परम सम्माननीय आर्चबिशप गिरेली जी इटली के बेरगामो सूबे के निवासी हैं। उन्होंने संत पापा के कूटनीतिक मिशन पर कैमरून, न्यूजीलैंड, राज्य के वैटीकन सैक्रेटीरिएट के जनरल मामलों के अनुभाग (सैक्शन) तथा अंत में संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए रसूली नुनशिएचर में सलाहाकार के तौर पर काम किया है। उन्होंने 13 मार्च 2021 को संत पापा फ्रांसिस द्वारा भारत में रसूली नुनशियो की नियुक्ति से पहले भिन्न-भिन्न देशों में रसूली नुनशियो के तौर पर सेवा निभाई है तथा इसी वर्ष 13 सितंबर 2021 में उन्हें नेपाल में रसूली नुनशियो का पद भी प्राप्त हुआ है। वैटीकन के राजदूत आर्चबिशप गिरेली जी के भ्रमण का उद्देश्य मानवीय समुदायों में एकता, संत पापा के सामुदायिक एकता के विचार को पक्का करना तथा प्रभु यीशु मसीह के सामुदायिक एकता, प्रेम तथा मेल मिलाप के संदेश को पूरी दुनिया में फैलाना है।