सीमावर्ती क्षेत्र दोदवां का आईकेजी पीटीयू कैंपस चढ़ा राजनीतिक की भेंट
–सांसद सनी देओल ने कैंपस में एडमिशन शुरू करवाने को लिखा मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र

ब्यूरो, दीनानगर :
गरीब और अनुसूचित विद्यार्थियों को सस्ती और बढ़िया शिक्षा मुहैया करवाना पंजाब में नई बनी आप सरकार के मुख्य एजेंडे में है। आप सरकार के सत्ता संभालने के 3 महीने के बाद भी इंडो-पाक बॉर्डर के साथ बसे सैकड़ों गरीब नौजवान लड़के-लड़कियां पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा अचानक बंद किए उच्च तकनीकी आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा को खुलवाने के लिए बेचैन है।
गौरतलब है कि वर्तमान वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा की ओर से भी चुनाव से पहले उक्त कैंपस को बंद करने का जोरदार विरोध किया गया था जोकि अब आप की सरकार बनने के वाद मामला ठंडे बस्ते में जाता देख गुरदासपुर लोकसभा हलके के सांसद सनी देओल ने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को पत्र लिखकर उक्त कैंपस को फिर से खोलने की मांग की है। बात कर रहे हैं जिला गुरदासपुर के हलका दीनानगर के अधीन आते सीमावर्ती गांव दोदवां की, जोकि इंडो-पाक बॉर्डर के बिल्कुल पास है। इसी गांव में साल 2014 में जब आई के गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी ने कैंपस खोला तो आर्थिक तौर पर कमजोर, गरीब और अनुसूचित जाती के विद्यार्थियों के लिए यह किसी सपने के साकार होने की तरह ही था। मगर इसका बेहद अफसोस जनक पहलू यह रहा कि यह शिक्षा का मंदिर भी जल्द ही सियासत का शिकार हो गया।
विधानसभा हल्का दीनानगर के सीमावर्ती क्षेत्र के पिछड़े और गरीब सीलोगों को पीटीयू के दोदवां कैंपस के रूप में साल 2014 को जो शिक्षण सौगात मिली उसका बड़ा श्रेय उस समय के सांसद विनोद खन्ना को दिया जाता है। भाजपा नेताओं की मानें तो विनोद खन्ना की सिफारिश और प्रयासों से पंजाब सरकार ने इसे मंजूरी दी थी । पूर्व सांसद विनोद खन्ना ने 2014 में 13 एकड़ रकबे में निर्मित शानदार इमारत में उक्त आईकेजी पीटीयू कैंपस का उद्घाटन किया। मगर हल्के से संबंधित मौजूदा कांग्रेस विधायिका व पूर्व मंत्री अरुणा चौधरी इसे स्वर्गीय सांसद सुखवंत कौर भिंडर की देन बताते रहे। खैर, उस वक्त कैंपस में दो कोर्स (बी.टेक कंप्यूटर साइंस और बीसीए) शुरू किए गए। सीमावर्ती हल्के में पहले सरकारी उच्च तकनिकी कैंपस के खुलने से इलाके की उन गरीब लड़कियों ने भी इन कोर्सो में दाखिला लिया जो महंगे निजी कॉलेजों में लंबा सफर तय करके पढ़ने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकती थी। सीमावर्ती क्षेत्र के गरीब परिवार व अनुसूचित जाती से सबंधित सैकड़ों लड़कियों ने डिग्री हासिल की।
सीमावर्ती क्षेत्रवासियों की मांग पर दोदवा कैंपस को यूनिवर्सिटी द्वारा साल 2016 में को-एड कर दिया गया और सीमावर्तीय क्षेत्र के लडक़े भी जहां पढऩे लगे। आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा में साल 2016 तक सब कुछ ठीक चल रहा था। जैसे ही साल 2017 में पंजाब में अकाली-भाजपा का दस साल का शासन खत्म होने और कांग्रेस सरकार की ताजपोशी के बाद सीमावर्ती क्षेत्र दोदवा पर स्थित उच्च तकनीकी कैंपस के बुरे दिन शुरु हो गए और आज उक्त कैंपस बंद पड़ा है।
साल 2016 में जहां इस कैंपस में करीब सभी सीटें भर गई और बच्चों की संख्या 200 तक पहुंच गई थी । 31 मार्च 2017 को पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा अकादमिक प्रोग्राम 2017-18 का ऐलान किया गया जिसमें दोदवा कैंपस में भी एडमिशन खोला गया। सीमावर्ती क्षेत्र के गरीब व अनुसूचित जाती के बच्चे मनपसंद कोर्स में दाखिला लेने की तैयारी कर रहे थे कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनते ही 31 मई 2017 को सीमावर्ती क्षेत्र पर स्थित दोदवा कैंपस को नो-एडमिशन जोन में डाल दिया जाता है। साल 2018 में तो इस कैंपस के लिए दाखिले का कोई नोटिफिकेशन ही नहीं निकाला गया। इसी तरह 25 जनवरी 2019 को नए अकादमिक वर्ष के कार्यक्रम का ऐलान किया जाता है मगर 29 मार्च 2019 को इसे फिर से नो-एडमिशन जोन में डाल दिया गया। जिसके कारण साल 2019 से इंडो-पाक बॉर्डर के साथ लगते गावों की लड़कियां और लड़के सस्ती और बढ़िया उच्च तकनिकी शिक्षा हासिल करने से लगातार वंचित हो गए।
आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा को बिना किसी कारण वर्ष 2017 से बार-बार नो-एडमिशन जोन में रखे जाने के पीछे कांग्रेस पार्टी की राजनीती छड़यत्र की संभावनाएं साफ नजर आते ही इस मुद्दे पर सियासत अखाड़ा गरमा गया जो कि अभी तक जारी है। सांसद सनी देओल, केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने तीन-तीन बार पंजाब के गवर्नर, मुख्यमंत्री और उप-कुलपति को पत्र लिखकर उक्त कैंपस को बंद ना करने की अपील की। विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने के लिए जहां बीएससी (एग्रीकल्चर), बीबीए, बीकॉम, बीएससी(फेशन डिजाइन), बीएससी(नॉन-मेडिकल), बीएससी(कंप्यूटर साइंस), एमएससी(आईटी), एमबीए, एमसीए जैसे अन्य कोर्स शुरू करने की माँग की मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। दूसरी तरफ पंजाब की पूर्व कैबिनेट मंत्री अरुणा चौधरी जो कि मौजूदा विधायिका भी है ने वर्ष 2019 में तकनीकी शिक्षा और उद्ययोगी सिखलाई मंत्री को पत्र लिखकर सिफारिश की इस सरकारी इंजीनियरिंग कैंपस को बंद करने के बजाय आईटीआई में तब्दील कर दिया जाए। पूर्व मंत्री अरुणा चौधरी की मांग पर इस वक्त विधानसभा चुनावों से पहले उक्त कैंपस की बिल्डिंग में आईटीआई का उद्घाटन कर दिया गया मगर अमली तौर पर आईटीआई भी चालू नहीं हुई। सीमावर्ती लोगों का कहना है कि स्थानीय पूर्व मंत्री व विधायिका अरुणा चौधरी ने सीमावर्ती क्षेत्र के खुले सरकारी उच्च तकनिकी कैंपस को बंद होने से बचाने का कोई प्रयास नहीं किया और न ही उनके द्वारा कभी कैंपस में अन्य कोर्स शुरू करने के लिए खिला गया। उन्होंने कहा कि आईटीआई खोलने का मतलब किसी उच्च तकनिकी शिक्षा वाली बड़ी संस्था का स्तर नीचे फेंकना है।
गौरतलब है कि उस समय विरोधी गुट के नेता हरपाल सिंह चीमा ने भी मुख्यमंत्री को दो वार पत्र लिखकर उक्त कैंपस को बंद न करने की अपील की थी। काबिले जिक्र है कि कैंपस को बंद करने की वजह जहां विद्यार्थियों का दाखिला बहुत कम होना बताया गया जबकि सीमावर्ती लोग और भाजपा और आप इसे भी एक साजिश का हिस्सा ही बताते रहे है। उनका कहना है कि पंजाब में सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार की ओर से निजी कॉलेज को फ़ायदा पहुंचाने के लिए जानबूझकर दाखिला कम किया गया है ताकि विनोद खन्ना की निशानी को बंद करने की जमीन तैयार की जा सके। क्योंकि, इससे चुनावों में अभी भी भाजपा को फायदा मिलता है हालांकि स्थानीय पूर्व मंत्री अरुणा चौधरी विरोधियों के इन आरोपों को लगातार नकारते रहे है।
कैंपस को बंद करने के फैसले को बदला जाये : सनी देओल
लोकसभा हलका गुरदासपुर के सांसद सनी देओल ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को लिखे पत्र में कहा कि आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा को बंद करने के फैसले को बदला जाए। उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए लिखा कि इससे पहले वह कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री और उच्च तकनिकी मंत्री को भी कई बार पत्र लिख चुके मगर उन्हें अभी तक कोई जवाब नहीं मिला। इंडो-पाक बॉर्डर के लोग बहुत मदहाली भरा और अनदेखा जीवन व्यतीत कर रहे हैं। उनके लिए अपने बच्चों को उच्च तकनीकी शिक्षा की पढ़ाई महंगे और दूरदराज के निजी कॉलेजों से करवाना संभव नहीं।
हमारी सरकार के ध्यान में है मामला : शमशेर सिंह
आम आदमी पार्टी के नेता और हल्का इंचार्ज शमशेर सिंह ने कहा कि आईकेजी पीटीयू कैंपस दोदवा के बंद होने का मामला उनकी सरकार के ध्यान में हैं। पिछले महीने बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ द्वारा बंद पड़े कैंपस का दौरा किया था और उन्होंने भी इसे चालू करवाने का आश्वासन दिलाया था जल्दी इसका समाधान निकाल लिया जायेगा।