श्रमिक कल्याण को समर्पित है सुक्खू सरकार : नरदेव सिंह कंवर
स्वारघाट में भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड ने मजदूर दिवस पर भव्य कार्यक्रम का आयोजन
वीके अग्रवाल
शिमला
। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य सन्निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड द्वारा स्वारघाट में एक भव्य कार्यकम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कामगार कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष नरदेव सिंह कंवर मुख्यातिथि के रूप में शामिल हुए। विधायक नालागढ़ एवं इंटक प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह भी इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित रहे।
अपने संबोधन में नरदेव सिंह कंवर ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय मजदूर दिवस का उद्देश्य श्रमिक वर्ग की उपलब्धियों को सम्मान देना और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान को याद करना है। यह दिन मजदूरों की एकता को सुदृढ़ करने और उन्हें उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण अवसर है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में कामगार कल्याण बोर्ड वर्तमान में श्रमिकों के हित में 14 योजनाएं चला रहा है। मजदूर दिवस के उपलक्ष्य में जिला बिलासपुर के पंजीकृत श्रमिकों को 77 लाख 56 हजार रुपये की राशि सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की जाएगी।
नरदेव सिंह कंवर ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार अब तक 27 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा कर श्रमिकों की समस्याओं को समझा गया है और अनेक मामलों में समाधान भी सुनिश्चित किया गया है। उन्होंने कहा कि हिम परिवार पोर्टल के माध्यम से श्रमिकों को विभिन्न सरकारी योजनाओं से जोड़ने की दिशा में राज्य सरकार ने सराहनीय पहल की है।
उन्होंने बताया कि विधवाओं, एकल नारियों और दिव्यांगजनों के लिए पक्के मकान निर्माण हेतु 3 लाख रुपये की सहायता राशि का प्रावधान किया गया है, जिससे इन वर्गों को सम्मानजनक जीवन जीने में मदद मिल रही है। साथ ही, श्रमिकों की दिहाड़ी में भी वृद्धि की गई है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सकारात्मक सुधार हुआ है।
कार्यक्रम में यह भी जानकारी दी गई कि पंजीकृत श्रमिकों को चिकित्सा सहायता के रूप में 50 हजार रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक की राशि प्रदान की जाती है। बच्चों की शिक्षा हेतु पहली कक्षा से पीएच.डी. तक 8,400 रुपये से लेकर 1.20 लाख रुपये तक की वार्षिक सहायता दी जाती है। 60 वर्ष की आयु पूर्ण करने पर श्रमिकों को 1,000 रुपये प्रतिमाह पेंशन दी जाती है।
दुर्घटना अथवा गंभीर बीमारी के कारण स्थायी विकलांगता की स्थिति में 5,000 रुपये प्रतिमाह की सहायता दी जाती है, जबकि मृत्यु होने पर मृतक के नामित आश्रित को 2 लाख से 5 लाख रुपये तक की सहायता राशि प्रदान की जाती है।
इसके अतिरिक्त, श्रमिक अथवा उसकी दो बेटियों के विवाह हेतु प्रति विवाह 51 हजार रुपये, महिला लाभार्थियों को प्रसव के समय 25 हजार रुपये तथा पुरुष लाभार्थियों को 6 हजार रुपये की सहायता दी जाती है। मृत शिशु के जन्म पर 20 हजार रुपये एवं गर्भपात की स्थिति में 15 हजार रुपये की सहायता का भी प्रावधान है। अंतिम संस्कार हेतु 20 हजार रुपये तथा प्रसव उपरांत 26 सप्ताह तक विशेष मातृत्व अवकाश की स्थिति में 1,000 रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है।
श्रमिकों को औजार खरीदने, सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने और सिलाई मशीन खरीदने हेतु क्रमशः 20 हजार, 15 हजार और 15 हजार रुपये की सहायता भी दी जाती है। इन योजनाओं का उद्देश्य श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना और उन्हें सशक्त बनाना है।
इस अवसर पर इंटक प्रदेश अध्यक्ष बाबा हरदीप सिंह ने कहा कि मजदूर दिवस की शुरुआत वर्ष 1886 में अमेरिका के शिकागो शहर से हुई थी, जब 8 घंटे कार्य दिवस की मांग को लेकर मजदूरों ने ऐतिहासिक हड़ताल की थी। इस आंदोलन में कई मजदूरों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिन्हें आज भी श्रद्धा और सम्मान के साथ याद किया जाता है। भारत में पहली बार 1 मई 1923 को चेन्नई (तत्कालीन मद्रास) में मजदूर दिवस मनाया गया था।
उन्होंने कहा कि यह दिवस श्रमिकों के अधिकारों, सुरक्षा, उचित पारिश्रमिक और उनके कल्याण को लेकर जन-जागरूकता बढ़ाने का अवसर है। यह दिन श्रमिकों की एकता और संघर्ष का प्रतीक है और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का दिन भी है।
इस अवसर पर कामरेड जगत राम ,प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महासचिव विकास ठाकुर, इंटक के रूप सिंह, जगतार सिंह, प्रेम भाटिया, धर्म सिंह सहगल और श्रम कल्याण अधिकारी स्वाति शर्मा सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।