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Monday, September 9, 2024

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महिला यौन उत्पीड़न पर कार्यशाला आयोजित

महिला यौन उत्पीड़न पर कार्यशाला आयोजित

शिमला ,विवेक अग्रवाल ,
यौन उत्पीड़न के कानूनी पहलुओं की जानकारी प्रदान करने के लिए आज बचत भवन ऊना में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता एसडीएम ऊना निधि पटेल ने की। कार्यशाला में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न के लिए जिला स्तरीय समिति के सदस्य, विभिन्न विभागों के अधिकारी तथा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
डॉ. निधि पटेल ने बताया कि कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न की रोकथाम हेतु “कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 पारित किया गया है। यह अधिनियम, 9 दिसम्बर, 2013 को प्रभाव में आया था। उन्होंने कहा कि यह नियम ऐसी सभी संस्थाओं में लागू होता है जहां दस से अधिक कर्मचारी काम करते हैं।
एसडीएम ने कहा कि इच्छा के खिलाफ छूना या छूने की कोशिश करना यौन उत्पीड़न की श्रेणी में आता है। शारीरिक रिश्ता अथवा यौन सम्बन्ध बनाने की मांग करना या उसकी उम्मीद करना भी उत्पीड़न है। उदाहरण के तौर पर यदि विभाग का प्रमुख किसी जूनियर को प्रमोशन का प्रलोभन दे कर शारीरिक रिश्ता बनाने को कहता है, तो यह भी यौन उत्पीड़न है। यौन स्वभाव की अश्लील बातें करना, अश्लील तसवीरें, फिल्में या अन्य सामग्री दिखाना अथवा सहकर्मी को उसकी इच्छा के खिलाफ अश्लील वीडियो भेजना भी यौन उत्पीड़न है। उन्होंने कहा कि अपने सहकर्मियों अथवा अन्य लोगों द्वारा किये जाने वाले दुर्व्यवहार के प्रति हमेशा सचेत व सजग रहें।
कार्यशाला में स्थानीय शिकायत समिति की अध्यक्षा दीपशिखा कौशल ने बताया कि यह कानून महिलाओं को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से सुरक्षा प्रदान करता है। इस क़ानून में यह ज़रूरी नहीं है कि जिस कार्यस्थल पर महिला का उत्पीड़न हुआ है, वह वहां नौकरी करती हो। कार्यस्थल कोई भी कार्यालय व संस्थान हो सकता है, फिर चाहे वह निजी हो या सरकारी। यह कानून कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न को दंडनीय अपराध बनाता है तथा ऐसी स्थिति में पीड़ित शिकायत कर सकती है।
इस अवसर पर स्थानीय शिकायत समिति सदस्या मोनिका सिंह व प्रवक्ता सुरेश ऐरी ने ने भी यौन उत्पीड़न व इसके कानूनी प्रावधानों बारे विस्तृत जानकारी दी।
कार्यक्रम से पूर्व तमिलनाडु में हैलीकॉप्टर हादसे में शहीद जनरल विपिन सिंह रावत, सीडीएस सहित शहीद हुए अन्य अधिकारियों व सैनिकों को भी श्रद्धांजलि दी गई।
इस मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सतनाम सिंह, सीडीपीओ कुलदीप दयाल, शिकायत समिति की सदस्य सुलिंद्र पाल कौर, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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