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अपनी मांगों को लेकर मिड-डे मिल वर्करज़ प्रधानमंत्री व् मुख्यमंत्री के नाम उपायुक्त सोलन को ज्ञापन देते हुए।
सोलन, अश्वनी शर्मा: – मिड-डे मिल वर्करज़ यूनियन ने अपनी मांगों को लेकर उपायुक्त सोलन के माध्यम से प्रधानमंत्री व् मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में मिड-डे मिल वर्करज़ के लिए ठोस नीति बनाने की मांग की गई है। सीटू के अध्यक्ष एनडी रनोट ने बताया कि मिड-डे मिल वर्करज़ अपनी मांगों के लेकर पिछले काफी समय से संघर्ष कर रही है। मिड-डे मिल वर्करज़ का वेतन 9 हजार रुपए महिना होना चाहिए। वर्तमान में इनको 2300 रुपए मिल रहे है, जो कि बहुत ही कम है, इतने कम वेतन में परिवार का गुजर-बसर करना मुश्किल हो रहा है, अतः इनकी दिहाड़ी 300 रुपए होनी चाहिए। मिड-डे मिल वर्करज़ को 10 माह का वेतन दिया जा रहा है, जो कि गलत है, हाईकोर्ट ने भी मिड-डे मिल वर्करज़ को 12 माह का वेतन देने के आर्डर सरकार को दिए है, लेकिन अभी तक इन्हें 10 माह का वेतन ही मिल रहा है, वो भी समय पर नहीं मिलता। आज 20 तारीख हो गई है, लेकिन मिड-डे मिल वर्करज़ को पिछले महीने का वेतन नहीं मिला है। इसके अलावा स्कूलों में मल्टीपर्पज वर्कर के नाम पर भर्ती की जा रही है, वह भी गलत है। जब हमारे पास
मिड-डे मिल वर्करज़ है तो मल्टीपर्पज वर्कर को भर्ती करने की क्या जरूरत है, सरकार को इस बारे में सोचना चाहिए। इस दौरान कई क्षेत्रों की मिड-डे मिल वर्करज़ मौजूद रही।
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