Friday, March 29, 2024

Contact Us For Advertisement please call at :
+91-97796-00900

गुजरात मे बाहर से आये व्यक्ति शराब पी सकते है तो गुजराती क्यो नही, हाईकोर्ट पहुंचा मामला

प्रतापसिंह:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृहराज्य गुजरात में शराबबंदी लागू है। यहां खुलेआम शराब बेच नहीं सकते और सार्वजनिक स्थलों पर लोग पी भी नहीं सकते। इस वजह से शराब पीने वालों को नियम-कायदों से दिक्कत होती है। इसके चलते शराबबंदी से जुड़ा मामला एक बार फिर हाईकोर्ट पहुंच गया। हाईकोर्ट में शराबबंदी के विरोध में 5 याचिकाएं दाखिल हुईं, जबकि इसके समर्थन में 3 याचिकाएं लगाई गई हैं।
बाहर से आने लोग पी सकते हैं शराब
शराबबंदी को लेकर हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विक्रम नाथ एवं न्यायाधीश बीरेन वैष्णव की खंडपीठ में चली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं ने कहा कि 70 साल से गुजरात में शराबबंदी है, जबकि देश के अन्य कई राज्यों में ऐसा नहीं है।
याचिकाकर्ताओं ने शराबबंदी को निजता का हनन बताया
उन्होंने कहा कि, यह बंदी गुजरात के लोगों की निजता का हनन है और संविधान प्रदत्त समान हक की भी विरोधी है। उन्होंने कहा कि, हमारे राज्य में मेडिकल के आधार पर 31 हजार परमिट दिए गए, जबकि पर्यटक या विजिटर्स को 66 हजार काम-चलाऊ परमिट दिए गए हैं। अगर बाहर से आने वालों को गुजरात में शराब पीने की छूट है तो फिर गुजरात के लोगों को शराब पीने के अधिकार से क्यों वंचित रखा जा रहा है।
सरकार का दखल नहीं हो सकता
गुजरात सरकार की शराबबंदी का विरोध करने वाले याचिकाकर्ताओं की ओर से हाईकोर्ट में एडवोकेट मिहिर ठाकोर ने पक्ष रखा। ठाकोर ने कहा कि, गुजरात के लोगों को अपनी चारदीवारी के भीतर कुछ भी खाने-पीने का अधिकार है। अब घर में बैठकर कोई व्यक्ति क्या खाता-पीता है इसमें सरकार का दखल नहीं हो सकता है। शराबबंदी कानून के कारण पुलिस लोगों के घर अन्य जगहों पर छापे डालती है, जो उनकी निजता का भी हनन है। एडवोकेट मिहिर ठाकोर ने यह भी कहा कि, यदि गुजरात से बाहर के लोग यहां आकर शराब पी सकते हैं तो गुजरात के ही लोगों को इससे वंचित कैसे रखा जा सकता है।
गुजरात में शराबबंदी जरूरी
इस प्रकार शराब पीने वालों के हिमायती ने शराबबंदी को निजता व समान हक विरोधी बताया। वहीं, इस पर सरकार का कहना है कि वर्ष 1951 में हाईकोर्ट ने शराबबंदी को मान्यता दी थी और गांधीजी के नशामुक्ति के ध्येय को पूरा करने के लिए गुजरात में शराबबंदी जरूरी है।

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
3,352FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles

%d bloggers like this: