नयी बोतल में पुरानी शराब की तरह सोलन नगर निगम का हाल
सरकार ने परिषद् को निगम का दर्जा तो दिया लेकिन कार्यकुशलता में गति लाने को कुशल कर्मी की कमी
सोलन, अश्वनी शर्मा :
नयी बोतल में पुरानी शराब की तरह सोलन शहर की नगर निगम का हाल है। सरकार ने परिषद् को निगम का दर्जा तो दे दिया लेकिन निगम की कार्यकुशलता में गति लाने का काम रहने दिया। निगम बने करीब 6 महीने समय हो गया परन्तु अभी भी कार्यलय की सभी कार्यवाही परिषद् के सीमित और सोच वाले कर्मचारियों से चल रही है।
ऐसे में सोलन शहर के विकास की योजना और क्रियांवन के कार्य में कोई कदम तो कैसे बढ़ेगा। जनहित में निगम के लिए किये जाने वाले में लम्बे जिम्मेदारी पूर्ण कार्य सूची में तकनीकी कर्मचारियों व अधिकारियों की ही नहीं कार्यबल कर्मी की भी खासी कमी है। जिसके बगैर शहर के रूप में विकास की महायोजना पर सोचना भी संभव नहीं। निगम के मानकों के मुताबिक विकास के काम को किया जाना है। यह तभी होगा जब यहां पर योजनाबद्ध तरीके से विकास होगा।
इसी तरह सोलन पुराने नगर क्षेत्र में कई में कई ज्वलंत समस्याएं है जिसका निदान होना बहुत जरूरी है। इसमें मुख्यतह पुरानी हो चुकी पेयजल पाइपों को बदलना, नई वाहन पार्किंग विकसित करना, सीवर लाइनों को जोड़ा जाना, सडक़ों को चौड़ा करना, फुटपाथ निर्माण, वार्डाे में पार्क, पानी टंकी और मल व गंदे नालों को ढक कर गहरे सीवर से निकासी व्यवस्था बनाना जैसी लंबित समस्याओं के हल के लिए उचित मास्टर प्लान बनना बेहद जरूरी है।
इसके साथ ही सोलन निगम में समीपवर्ती नए ग्रामीण क्षेत्र शामिल किए गए हैं जहां पर अभी भी शहरी परिभाषा के अंतगर्त औषधालय, पक्की नालियों, पक्की सड़क, छोटी बरसाती पुलिया, बिजली-पानी की व्यवस्था, बाजारों का नियमितिकरण, पार्क और पार्किंग सहीत कई बिंदुओं पर काम होना बाकि है। सोलन शहर के विस्तारीकरण के लिए महायोजना तैयार करने में कनिष्ठ अभियंताओं से लेकर, अभियंता, अधिशासी अभियंता सहित योजना अधिकारी, पटवारी और आईटी जैसे महत्वपूर्ण पद भरे जाने की जरूरत है। इसके साथ ही कार्य निष्पादन के लिए संबधित विभाग के साथ लघु व चतुर्थ श्रेणी कर्मी भी चाहिए। शहर के क्षेत्रफल के हिसाब से निगम में कम से कम 8 कनिष्ठ अभियंताओं की जरूरत है जोकि विकास कार्याे का मूल्यांकन, निरीक्षण, पेयजल व्यवस्था, भवन निर्माण, नक्शे इत्यादि जिम्मा संभालेंगे।
अभी तक बातें ही
सोलन में निगम को बने करीब छह महीने हो चुके हैं। निगम के पहले चुनाव के बाद कार्यकारिणी का गठन हुए भी करीब दो महीने होने को है। मगर अभी शहर के विकास को लेकर सिर्फ बातें ही की जा रही है। राज्य सरकार ने हाल ही के दिनों में नगर निगम सोलन सहीत सभी नवनिर्मित निगम में 11 नए पद सृजित करने की घोषणा की है लेकिन पदों की अधिसूचना अभी जारी नहीं हुई। पर इनके साथ ही संयक्त निम्न श्रेणी के पदों की संख्या एवं िनयुक्ती के तरीके पर नीति स्पष्ट नहीं है। हाल ही में नव गठित कार्यकारिणी ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मुलाकात कर सोलन निगम में सफाई कर्मचारियों सहित मात्र सौ पद भरने की मंजूरी प्रदान करने की मांग की है। निगम की महापौर पूनम ग्रोवर का कहना है कि वंिर्कंग फोर्स की कमी को पूरा करने के सरकार से सौ से अधिक कर्मचारियों के पद भरने की मांग की गई है। स्टाफ की कमी से कई कार्याे को सिरे चढ़ाना मुश्किल होगा।
सभी वार्डाे की अलग समस्याएं:
शहर के कुल 17 वार्डाे में अलग अलग समस्याएं है। कहीं पार्किंग की समस्या विकराल है तो कहीं नालों को ढकने की चुनौती। इसी तरह कुछ वार्डाे में पानी के टैंकों को निर्माण होना है तो कहीं स्पोटर्स कंप्लेक्स की मांग है। नए जुड़ ग्रामीण क्षेत्रों में सभी तरह की नगरीय सुविधाऐं बनाती होगी। इनमें पार्किंग, पेयजल, सीवरेज, स्ट्रीट लाइट, सडक़, खेल मैदान, पार्क की जरूरत है। शहर की भीड़ वाली जगहों में ओवर ब्रिज, हैंगिंग पाथ या अण्डर पास बनाना समय की मांग बन चुका है। इसी तरह शहर में आने वाले पांच दशकों में पानी की मांग को देखते हुए नए पेयजल योजना को सिरे चढ़ाने की जरूरत है। राष्ट्रीय राजमार्ग के काम से सोलन वाइपास से सलोगड़ा तक निमार्ण कार्य चल रहा है।