सिविल जज बनी सोलन के फांवा गांव की बेटी मृदुला शर्मा कहा यह उपलब्धि पूज्य दादा जी के आशीष से अतः उन्हें यह विनम्र श्रद्धांजलि बधाई देने वालों का तांता लगा
शिमला, 6 जुलाई (विवेक अग्रवाल):
सूबे के जरूरत मंदों, बेसहारों ,लाचारों व समाज के कमजोर तबके के लोगों के वकालत के केसों को विना शुल्क लिए कचहरी में लड़ने में महारत हासिल कर चुके जाने मानै वकीलों में शुमार अविनाश शर्मा की बेटी ने अपनी कामयाबी की सफलता से अपनें गांव, जिले का ही नहीं अपितु परिवार के खानदान पर भी चार चांद लगाने में कोंई कसर बाकी नहीं छोड़ी है।
उपमंडल अर्की की ग्राम पंचायत कोटली के गांव फांवा की रहने वाली मृदुला शर्मा सिविल जज बन गई है। यह प्रदेश में 11 सिविल जजों में चौथे स्थान पर रही है। इस बात का पता जैसे ही लोगों को चला तो सोलन सिथत उनके आवास पर बधाई देने वालों का तांता लग गया। बताते चलें कि मृदुला शर्मा ने जमा दो की स्टडी सेट जॉफस स्कूल चंडीगढ़ से उत्तीर्ण की। उसके बाद उन्होंने आगे की पढ़ाई सोलन स्थित एलआर संस्थान से की है ।यहां से उन्होंने ला में एजुकेशन की इसके बाद वह सिविल जज की परीक्षा की तैयारियों में जुट गई, इसके लिए उन्हें दिल्ली स्थित राहुल आईएएस संस्थान में 1 वर्ष तक कोचिंग ली। कोचिंग के बाद उन्होंने बीते वर्ष न्यायिक परीक्षा दी जिसमें वह पास हो गई। हालांकि इसके बाद कोविड के चलते इंटरव्यू होने में देरी हुई। 1 जुलाई को मृदुला का इंटरव्यू हुआ इसमें वह चौथे स्थान पर रही। मृदुला का परिवार काफी वर्षो से वकालत करता आ रहा है। म़ृदुला परिवार की वकालत में तीसरी पीढ़ी है। उनके दादा पूज्य मेहर चंद शर्मा जी अपने समय के जाने-माने सिविल वकील थे। उनके पिता अविनाश शर्मा और भाई सोलन के जिला न्यायालय में वकालत कर रहे हैं। इनके तीन चाचाओं में से एक प्रदेश उच्च न्यायालय में दूसरे जिला न्यायालय सोलन में और तीसरे सिविल कोर्ट में वकालत कर रहे हैं। वहीं मृदुला शर्मा ने कहा कि मेरे दादाजी तो अब इस दुनिया में नहीं है उनका सपना था कि शिविल जज बनु।दादाजी के शब्दों से प्रेरणा लेकर आगे की पढ़ाई शुरू की। यदि आज पूज्य दादा जी होते तो परिवार में दोगुनी खुशी का माहौल होता ।यह मेरी ओर से पूज्य दादाजी के प्रति वड़ी विनम्रता से श्रद्धांजलि है।