भ्रष्टाचार पर नकेल कसने के लिए सोलन नगर निगम के कमिश्नर की नई पहल
?किसी भी शिकायत के लिए सार्वजनिक किया अपना व्हाट्सएप नंबर
?मेहनती और ईमानदार अधिकारी हैं राजीव
सोलन, ब्यूरो:
सोलन नगर निगम में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोकने के लिए नई पहल शुरू हो गई है नगर निगम के कमिश्नर ने लोगों के लिए अपना नंबर जारी किया है इस नंबर पर लोग विभिन्न प्रकार की शिकायतें विशेष तौर पर काम के बदले किसी भी प्रकार की मांग को लेकर कर सकते हैं!
जानकारी के अनुसार नगर निगम बनने के बाद लगातार कर्मचारियों की संख्या में इजाफा हो रहा है! और अधिकतर कार्य भी ऑनलाइन हो चुके हैं! ऐसे में यहां होने वाले विभिन्न प्रकार के कार्यों को लेकर भ्रष्टाचार होने की संभावनाएं भी बढ़ी है और कुछ शिकायतें सरकार के निगम के उच्च अधिकारियों के पास भी पहुंची है! पता चला है कि नक्शों को पास कराने के काम में भी अधिकारियों को काफी ज्यादा शिकायतें मिल रही है! वर्तमान में करीब 150 नक्शे सुकृति के लिए नगर निगम के पास आए हुए हैं! इनमें छोटी-छोटी आपत्तियां लगाई गई है! और लोगों द्वारा आपत्ति यहां दूर करने पर भी आपत्तियां फिर से लगाई जाती है! ऐसी ही कुछ शिकायतें सरकार व नगर निगम के उच्च अधिकारियोंतक पहुंचने के बाद निगम के कमिश्नर ने यह कदम उठाया है।
नगर निगम के कमिश्नर राजीव कुमार ने आम लोगों के लिए अपना व्हाट्सएप नंबर 94180-08000 जारी किया है। लोग उनके व्हाट्सएप नंबर पर किसी भी कर्मचारी द्वारा पैसे या अन्य प्रकार की मांग किए जाने को लेकर जानकारी दे सकते हैं। यदि इस प्रकार की कोई शिकायत आती है तो उसे तुरंत विजीलैंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो को भेजा जाएगा।नगरनिगमबनने से पहले विभिन्न मामलों को लेकर तत्कालीन नगर परिषद हमेशा ही चर्चा में रहा है। यहां पर कई बार ऐसा भी देखा गया है कि मकान बनने के बाद लोगों के नक्शे पास होते रहे हैं। अब प्रक्रिया ऑनलाइन होने के बाद काफी हद तक ऐसे मामलों में रोक लगी है। वहीं अब कमिश्नरद्वारा भ्रष्टाचार रोकने के लिए अपना नंबर जारी करने से एक सवाल यह जरूर खड़ा हो रहा है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। सनद रहे कि राजीव कुमार एक मेहनती और ईमानदार अफसर हैं वह किसी भी विभाग में रहे हो, उनकी कार्यप्रणाली से उनके अधीनस्थ कर्मचारी तो प्रभावित ही हुए हैं और उन्होंने उनके नक्शे कदम पर चलना सीख लिया है बल्कि उनके उच्च अधिकारी भी उनके काम की प्रशंसा करने बिना नहीं रहते॥