त्योहारों, विशेष समारोहों को याद कर अक्सर नम हो जाती थी बुजुर्गों की आंखें
दिल्ली (शिव कुमार) त्योहारों, विशेष समारोहों को याद कर अक्सर अपनी आंखों को नम करने वाले घरों में रह रहे बुजुर्ग लोगों को अब प्यार का माहौल मिलेगा। जिंदगी के आखिरी पड़ाव पर पहुंचे बुजुर्गों को अक्सर अकेलेपन के कारण ममता के आंसू बहाते देखा गया हैं जिसके पश्चात सुरेश मुटनेजा की ओर से एलकेयर सुविधा शुरू की जा रही है। एलकेयर बुजुर्गों को इमोशनल जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें चिकित्सक सहायता भी उपलब्ध करवाएगी। घरों में रह रहे बुजुर्ग लोगों में अधिकतर ऐसे लोग देखे जाते हैं जो अच्छे घरानों से होते हैं लेकिन, उनके पास अपने दर्द को बांटने के लिए कोई नहीं होता। परिवार से बिछड़ाव का बोझ उन्हें और कमजोर कर देता है। इसी पक्ष से उनको मजबूत एवं हौसला देने के लिए एलकेयर शुरू की गई है। घरों में यह सुविधा किसी विशेष के लिए नहीं बल्कि सभी लोगों को बराबर दी जाएगी।
यूएएन पापुलेशन फंड एंड हेलपेज कुल जनसंख्या में 104 मिलियन लोग सीनियर सिटीजन है जिनमें 53 मिलियन महिलाएं हैं और 51 मिलियन पुरुष हैं। 2026 तक यह आंकड़ा बढ़कर 173 मिलियन के पार पहुंच जाएगा ऐसे में ऐसे लोगों की इमोशन को समझना और उन्हें हौसला देने के लिए इस सुविधा को शुरू किया गया है। दिल्ली में हुई एक विशेष बैठक के दौरान एलकेयर प्रबंध निदेशक सुरेश मुटनेजा ने बताया कि घरों में रह रहे बुजुर्ग अक्सर अकेलेपन के कारण मानसिक तौर से बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। वह अपने इमोशन को अंदर ही अंदर रखकर अपने शरीर का भी नुकसान कर बैठते हैं। परिवार का हाल जानने को बेताब बुजुर्गों के माहौल को ठीक करने के लिए जल्द ही एल केयर का संचालन किया जा रहा है।