अकाली-बसपा सत्ता में आकर पंजाबी भाषा गुरमुखी का सम्मान बहाल करेगी: रवि मोहन
—सीबीआईई द्वारा पंजाबी भाषा से किया भेदभाव, कांग्रेस एवं केन्द्र सरकार की पंजाब विरोधी सोच
—कांग्रेस ने पंजाब से हमेशा किया धक्का
दीनानगर(ब्यूरो):
हलका दीनानगर के सीनियर अकाली नेता रवि मोहन ने अपने गृह में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सीबीएसई की पढ़ाई में पंजाबी भाषा का दर्जा खत्म करना भारतीय संविधान की उल्लंघना है तथा संविधान की सूचियों में पंजाब भाषा मान्यता प्राप्त भाषा है। सीबीआईई जो कि केंद्र सरकार का एक विभाग है तथा इस सबसे पीछे पंजाबी भाषा प्रति प्रयोग की जाने वाली संकीर्ण मानसिकता के चलते भारतीय जनता पार्टी तथा केन्द्र सरकार की साजिश है। जबकि संविधान के तहत आ रही पंजाबी भाषा या बाकी अन्य 18 भाषाओं को संविधान में शोध किए बिना खत्म नहीं किया जा सकता तथा यह भारतीय जनता पार्टी की पंजाब, पंथ तथा श्री गुरू ग्रंथ साहिब की विरोधी विचारधारा है क्योंकि पंजाबी/गुरमुखी भाषा गुरूओं की देन है। सीनियर अकाली नेता रवि मोहन ने कहा कि भाजपा भी कांग्रेस के रास्ते पर चल पड़ी है क्योंकि कांग्रेस ने पंजाब से हमेशा ही धक्का किया है। वह चाहे पंजाब की राजधानी का मसला हो या फिर पंजाब के पानियों की बात हो तथा अब उसी तरह से केन्द्र की भाजपा सरकार पंजाबी भाषा को खत्म करने का काम करके कांग्रेस के नक्शे पर चल रही है जो कि किसी भी कीमत पर बर्दाशत नहीं किया जाएगा तथा अकाली-बसपा सरकार सत्ता में आकर माझे के जरनैल बिक्रम सिंह मजीठिया पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल जी की योग्य अगुवाई में पंजाबी भाषा का मान-सम्मान बहाल करेगी। इस समय उनके साथ सर्कल दोरांगला के यूथ प्रधान गुरनाम सिंह गंजा, पूर्व सरपंच कश्मीर सिंह मद्दोवाल, गुरजीत सिंह, जसबीर सिंह जस्सा, सरपंच कठियाली अकाली नेता उपस्थित थे।