आरोप: पहले भी ग्रांटो में किया गबन, इंद्रजीत की शिकायत पर हाईकोर्ट के आदेश पर करवाई की गई, इन्कुआरी पर बीडीपीओ के आदेश के बाद हुई रिकवरी
आदमपुर, सुन्नी : लाखों रुपए के गबन पर पर्दा डालकर मानयोग कोर्ट में नव एवीडिस क्रिएट करने की कोशिश के तहत गुरुद्वारा श्री गुरु रविदास नौजवान सभा पिंड सतोवाली को धर्मशाला बताया जा रहा है। इस कथित जालसाजी के खिलाफ मैं आवाज बुलंद करता रहूंगा। यह कहना है पंच ओर गरुदुआरा प्रधान इंद्रजीत सिंह का, जोकि पिछले 10-15 साल से श्री गुरु रविदास गुरुद्वारा नौजवान सभा के प्रधान भी हैं। पूरे मामले के बारे में उन्होंने हाल ही में कुछ मीडिया रिपोट्र्स के माध्यम से पता चला कि पंचायत सरपंच ज्योति और हरजिंदर पाल पंच की मिलीभगत से कुछ पदाधिकारी गलत ढंग से गुरुद्वारा श्री गुरु रविदास नौजवान सभा को धर्मशाला बताकर सरकार से ग्रांट ऐंठने की कोशिश में हैं जबकि पहले ही लाखों रुपए की ग्रांट का कथित हेरफेर किया जा चुका है जो सुखदेव लाल और कुंदनलाल सावका सरपंचों ने गबन की है। मोजूदा पंचायत इस हुए गबन पर पर्दा डालने की कोशिश कर रही है। यहां तक कि 2013-14 में धर्मशाला के लिए 2 लाख रुपए की ग्रांट एमपी लैंड स्कीम के माध्यम से मिली जिसमें हरजिंदर पाल पंच ने आपने साथी पंचायत मैंबरो की मिलीभगत से गबन किया है । मामले की जांच हुई तो इन लोगों ने गुरुद्वारा साहिब को धर्मशाला दिखाने की कोशिश की। जब मैंने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो कोर्ट ने गुरुद्वारा साहिब के हक में मिती 30/10/2019 को स्टे दे दिया। इंद्रजीत के मुताबिक कैप्टन सरकार ने इस पंचायत को करीब 35 से 40 लाख रुपए की ग्रांट दी है जिनमें से जोती सरपंच, हरजिंदर पाल ने पंचायत मैंबरो की मिलीभगत से 18 से 20 लाख का गबन किया है और उन पैसे के जाली दस्तावेज तैयार किए हैं। इंद्रजीत के मुताबिक पूर्व सरपंच कुंदन लाल और पूर्व सरपंच सुखदेव लाल दोनों भ्रष्टाचारियों ने सरकार से मिले फंड का दुरुपयोग भी कर चुके हैं। इंद्रजीत सिंह ने मीडिया के समक्ष दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि बीडीपीओ के आदेश के बाद कुंदन लाल ने गबन की गई राशि 25358 तिथि 27/11/08 को जमा करवा दी गई थी, जबकि सुखदेव लाल की ओर से 3, 20, 959 की रिकवरी अभी बाकी है। हालांकि बीडीपीओ की तरफ से 22/4/2016 को जारी आदेशों में साफ तौर पर कहा गया था कि सत्तोवाली के पूर्व सरपंच सुखदेव लाल से 320959 की रिकवरी की जाए। कुंदन लाल ने जो गबन किया था वो रिकवर किया जा चुका है । इंद्रजीत ने मांग की कि सरकार की आंखों में धूल झोंककर गुरुद्वारा को धर्मशाला बताकर सरकार से और ग्रांट लेने की कोशिश में लगे इन आरोपियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। जो गबन ज्योति सरपंच , भूपिंदर, हरजिंदर पाल, कोमलजीत कौर, जसविंदर कौर, पंचों ओर कुंदन लाल वह उनके पारिवारिक सदस्य सुखविंदर लाल, गुरप्रीत सिंह की मिलीभगत से 18 से 20 लाख का हुआ है उस की उच्च स्तरीय अधिकारियों से जाच करवाई जाए और इन को कानून के अनुसार सजा भी दी जाए।