शहर में भीख मांगने की समस्या के खिलाफ जिला प्रशासन ने चलाया अभियान
उपायुक्त ने लोगों से भीख देकर भीख मांगने के लिए प्रोत्साहित न करने की अपील की
जालंधर, 13 नवंबर: भीख मांगने की समस्या को खत्म करने के लिए जिला प्रशासन ने शहर में भीख मांगने के खिलाफ अभियान शुरू किया है।
उपायुक्त श्री घनश्याम थोरी के निर्देशन में जिला पुलिस और नागरिक प्रशासन के अधिकारियों की एक बैगिंग विरोधी टास्क फोर्स ने आज जालंधर में विभिन्न स्थानों पर जागरूकता अभियान चलाया।
डीसीपी गुरमीत सिंह, एडीसीपी मंजीत कौर, डीसीपीओ अजय भारती के नेतृत्व में टीम के सदस्यों ने भिखारियों से मुलाकात की और उन्हें इस अवैध प्रथा को रोकने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया। ऐसा नहीं करने पर सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन नहीं करने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
टास्क फोर्स के सदस्यों ने भी विभिन्न चौराहों पर यात्रियों से मुलाकात की और उनसे भिखारियों विशेषकर बाल भिखारियों को भीख देकर भीख मांगने के लिए प्रोत्साहित नहीं करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शहर में भीख मांगना एक बड़ी समस्या बन गई है, जिसे हर हाल में खत्म करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शहर को भिखारियों से मुक्ति दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
टीम भिखारियों को पकड़ने और कानून के प्रावधानों के अनुसार कार्रवाई करने के लिए बाध्य है। कानूनी परिवीक्षा अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि कानून के मुताबिक अगर कोई भिखारी बार-बार भीख मांगने का दोषी पाया जाता है तो उसे तीन साल तक की कैद हो सकती है। इसी तरह बच्चे को भीख मांगने के लिए मजबूर करने वाले व्यक्ति को पांच साल की सजा हो सकती है। उन्होंने कहा कि बच्चे के किसी अंग को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति को भारी जुर्माने के साथ 7 साल की सजा हो सकती है।
उन्होंने कहा कि जिला बैगिंग रोधी कार्यबल पुलिस के भीख विरोधी अभियान की नियमित रूप से निगरानी करेगा।
इस दौरान डीपीओ गुरमिंदर सिंह रंधावा ने लोगों से भीख देकर भीख माँगने वालों को प्रोत्साहित न करने की अपील की और कहा कि इसके बाद 15 दिनों तक शहर में जागरूकता अभियान शुरू किया जाएगा।