4 सितम्बर जालंधर(तेजेश कुमार दीपक)जालंधर में संगीत इंडस्ट्री को बड़ा सदमा लगा है। संगीत गुरू धर्मेंद्र कथक का हार्ट अटैक से निधन हो गया है। जानकारी के अनुसार ब्रेकफास्ट पश्चात उनकी तबीयत बिगड़ी जिसके चलते उन्हें निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया। जहां उन्होंने आखिरी सांस ली। वह अपने परिवार के साथ जालंधर के दयोल नगर में रह रहे थे। अंतिम संस्कार शाम पांच बजे घास मंडी श्मशान घाट में होगा। धर्मेंद्र कत्थक ने जालंधर व पंजाब के तमाम उभरते कलाकारों को शास्त्रीय संगीत की शिक्षा दी और उन्होंने अपना जीवन शास्त्रीय संगीत के लिए ही समर्पित कर दिया। मास्टर सलीम, युवराज हंस, नवराज हंस, बॉलीवुड सिंगर ज्योतिका तांगरी जैसे गीतकार इनके शागिर्द रह चुके हैं। इसके अलावा कोरोना काल में भी उन्होंने ऑनलाइन संगीत की शिक्षा देश व विदेशों में बैठे विद्यार्थियों को दी। धर्मेंद्र कत्थक दैनिक जागरण के साथ भी संगीत के विशेषज्ञ के रूप में काफी समय तक जुड़े रहे थे।
उन्होंने हमेशा ही संगीत को महत्व दिया। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। आज सुबह ज्यादा परेशानी होने के बाद परिवार वालों ने उन्हें डॉक्टर को दिखाया लेकिन उन्होंने अस्पताल में ही अंतिम सांसें ली। उनका संस्कार कल किया जाएगा। वह अपने पीछे एक बेटे को छोड़ गए हैं। उन्होंने जालंधर के कई शिक्षण संस्थाओं में भी सैकड़ों विद्यार्थियों को संगीत की शिक्षा दी है। इसके अलावा जालंधर में होने वाले संगीत के तमाम कार्यक्रमों में शिरकत करके धर्मेंद्र उन कार्यक्रमों की शोभा बढ़ाने में पीछे नहीं रहते थे। उनके देहांत की खबर सुनकर मास्टर सलीम व तमाम कलाकारों ने दुख प्रकट किया है और यह संगीत जगत को बड़ा नुकसान वह आघात लगने वाला समाचार बताया है।