डिप्टी कमिश्नर ने बी.डी.पी.ओज़ को कहा -61 माडल खेल मैदानों का निर्माण एक हफ़्ते में पूरा किया जाएआने वाले दिनों में आधिकारियों को अन्य रहते स्कूल प्रोजैक्टों को शुरू करने के साथ 50 प्रतिशत से अधिक पूरा करने के भी दिए निर्देश कहा, यह प्राजैक्ट देहाती क्षेत्र के सर्वपक्षीय विकास को सुनिश्चित करेगें
जालंधर, 11 जून
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने शुक्रवार को सभी ब्लाक विकास और पंचायत अधिकारियों (बी.डी.पी.ओज़) को अलग -अलग योजनाओं के अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे विकास प्रोजैक्टों को समय पर पूरा करने को यकीनी बनाने के आदेश दिए है,जिससे जिले के लोग इन लोक समर्थकी योजनाओं का लाभ ले सकें।
डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (विकास) विशेष सारंगल और अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (जनरल) जसबीर सिंह के साथ खेल मैदानों सम्बन्धित प्राजैक्ट की समीक्षा करते हुए आधिकारियों को इन प्रोजैक्टों को एक हफ़्ते में पूरा मुकम्मल करने के आदेश दिए है और कहा है कि किसी भी प्रकार की देरी को सख़्ती से निपटा जायेगा।
डिप्टी कमिश्नर ने बताया कि सभी 11 ब्लाकों में 463.91 लाख की लागत के साथ 61 माडल खेल मैदान बनाए जाने है और अब तक 349 लाख की लागत के साथ लगभग 44 खेल मैदानों को पूरा किया जा चुका है। इन माडलों के खेल मैदानों में आदमपुर, जालंधर पश्चिमी, लोहियाँ, महतपुर, नूरमहल, फिल्लौर, रुड़कां कलाँ और शाहकोट विकास ब्लाकों में पाँच -पाँच, भोगपुर में नौ और जालंधर पूर्वी में और नकोदर छह -छह शामिल है।
इसी तरह डिप्टी कमिश्नर की तरफ से महात्मा गांधी नैशनल रुरल् रोज़गार गारंटी एक्ट (मगनरेगा) अधीन शुरू किये गए स्कूल प्रोजैक्टों में हुई प्रगति का भी जायज़ा लिया गया। उन्होनें बताया कि जिले में 1000.78 लाख की लागत से कुल 664 स्कूल प्राजैक्ट शुरू किये जाने थे, जिनमें से 553 कार्य अथारिटी की तरफ से आरंभ किये जा चुके है, जिन पर 402.39 लाख रुपए ख़र्च किये गए हैं। श्री थोरी ने सभी फील्ड आधिकारियों को बाकी प्रोजैक्टों को शुरू करने के साथ ही अगले हफ़्ते के में 50 प्रतिशत से अधिक पूरा करने को यकीनी बनाने के निर्देश दिए।
डिप्टी कमिश्नर ने आधिकारियों /कर्मचारियों को लोक भलाई के कामों को पहल देने के लिए कहा ताकि राज्य सरकार की लोक भलाई और विकास समर्थकी नीतियों का लाभ निचले स्तर पर लोगों तक पहुँचाया जा सके। उन्होनें कहा कि इसके लिए आधिकारियों /कर्मचारियों को पूरी तनदेही के साथ काम करना चाहिए, जिससे समाज के जरूरतमंद और कमज़ोर वर्ग राज्य सरकार की नीतियों का लाभ मिल सके। सरकारी योजनाओं के अंतर्गत फंड के सही प्रयोग पर ज़ोर देते हुए उन्होनें कहा कि इससे साथ पैसा सही दिशा में ख़र्च किया जाना यकीनी बनेगा।