गुरदासपुर-(संदीप सन्नी):
सावन के महीने में तीज का त्योहार मनाया जाता है, हिंदू संस्कृति में इस पर्व का बड़ा महत्व है। इस दिन देशभर में महिलाएं सावन का स्वागत करते हुए गीत गाती और नाच करती हैं। भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसे में यह पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता दर्शाने के लिए भी मनाया जाता है। इस दिन देशभर में महिलाएं रंग बिरंगे कपड़े पहनकर गीत गाती हैं और नाचती गाती भी हैं। महिलाएं साथ मिलकर हाथों पर मेहंदी लगाने के साथ ही एक दूसरे को किस्से-कहानियां सुनाती हैं। घेवर, नारियल के लड्डू, आलू का हलवा जैसी कई मिठाइयां इस दिन बनायी और खायी जाती हैं। देशभर में हिंदू महिलाएं इस दिन उनकी पूजा करती हैं और अपने पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं। तीज का शाब्दिक अर्थ ‘तीन’ होता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक यह त्योहार सावन के महीने के तीसरे दिन पड़ता है। इस साल तीज का त्योहार 23 जुलाई को मनाया जाएगा। इस दिन महिलाएं उपवास रखकर अपने पति और परिवार की समृद्धि और खुशहाली की कामना करती हैं। भारत में तीज के कई रूप प्रचलित हैं। पंजाब व राजस्थान में इसे ‘हरियाली तीज’ के नाम से जानते हैं, तो वहीं मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में ‘कजरी तीज’. समय और जगह के साथ इस पर्व को मनाने के तरीकों में भी बदलाव आया है। ‘हरियाली तीज’ नाम सावन के महीने में प्रकृति में हर तरफ हरियाली की अधिकता के कारण दिया गया है। यह एक सुखी व समृद्ध वैवाहिक जीवन के प्रतीक के तौर पर मनाई जाती है। ‘कजरी तीज’ मनाते समय कुंवारी लड़कियां भगवान शिव से एक अच्छे पति की कामना करती हैं, ताकि वो यह त्योहार उनके साथ मना सके।