— करीब 1 साल बाद पटरी पर लौटा था जनजीवन, अब फिर बंद से हो रहा आम जनजीवन प्रभावित
फकीर चंद भगत (पठानकोट, 25 मार्च ) करोना महामारी से भले ही उच्च श्रेणी के लोगों को कोई फर्क नहीं पड़ता लेकिन आमजन इस दौर में बुरी तरह से पिसा है। उक्त शब्द वीरवार को सुजानपुर कालाचक्क रोड़ पर स्थित सेंट मैरी स्कूल में अध्यापकों एवं प्रबंधन स्टाफ की ओर से राज्य सरकार के स्कूल बंद करने के फैसले के विरोध में प्रदर्शन के दौरान व्यक्त किए। स्कूल चेयरमैन अशोक पावा, मैनेजिंग डायरेक्टर मधु पावा, प्रिंसिपल राकेश ठाकुर व राजकुमार राजू ने संयुक्त रूप से कहा कि वर्ष 2020 में इस महामारी के कारण लोग पहले ही अपने जन जीवन से बुरी तरह प्रभावित हुए थे लेकिन अब सरकार द्वारा एक बार फिर लॉकडाउन जैसी स्थिति को पैदा करके गरीब लोगों को मारने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों में इस महामारी को फैलने से रोकने के हालांकि पूरे प्रबंध भी प्रबंधन द्वारा किए जा रहे हैं, इसके बावजूद भी स्कूलों को बंद करना बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि बच्चों को डायरेक्ट शिफ्ट करना बच्चों के बेस को कमजोर बना देता है, जिसके चलते बच्चे भविष्य में प्रतियोगी परीक्षाओं को उत्तीर्ण नहीं कर पाते। अशोक पावा ने कहा कि स्कूलों की जांच करके उन्हें स्कूलों को खोलने के आदेश राज्य सरकार द्वारा दिए जाने चाहिए जिन स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के पूर्ण प्रबंध है उन्हें खोलने की अनुमति दी जानी चाहिए। जबकि जिन स्कूलों में प्रबंधों में अभाव हो उनमें पर बंद करवाकर स्कूलों को खुलवाया जाना चाहिए। स्कूल प्रबंधन ने सरकार से अपील करते हुए कहा कि बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए कोरोना की पूरी गाइडलाइंस के साथ स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जाए। इस अवसर पर वंदना ठाकुर, पुल्कित, वंदना बेदी, नवजोत, सीमा, सुनीता मेहता, ज्योत्सना, रूपाली, अजय, ज्योति, रिंपल, मनी शर्मा, रूपा, रंजू, शिवानी, नीधि, शमा, हरिंदर पाल कौर भी मौजूद थे।