आल इज वैल’ तो ठीक पर, जनता का मर्म भी समझे केंद्र व प्रदेश सरकार : राणाकहा : 30 लाख से ज्यादा लोगों की वैक्सीनेशन पेंडिंग, अपनी पीठ थपथपाने की बजाए समय पुख्ता प्रबंध करे सरकारऊना, 3 जून , विवेक अग्रवाल:
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान भी केंद्र व प्रदेश सरकार ‘आल इज वैल’ तो कहती आ रही है, लेकिन धरातल पर हालात किसी से छिपे नहीं हैं। बेहतर होता कि अपनी पीठ थपथपाने की बजाय समय रहते सरकार महामारी से निपटने के प्रबंध करती। जारी प्रैस विज्ञप्ति में विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि तीसरे चरण की वैक्सीनेशन में ही केंद्र ने पल्ला झाड़ चुकी है जिस पर माननीय सुप्रीम कोर्ट ने भी सवाल उठाए हैं तो इस मामले में प्रदेश सरकार भी बैकफुट पर है। प्रदेश में ही 18 से 44 आयु वर्ग के 30 लाख से ऊपर के लोगों की वैक्सीनेशन पेंडिंग है। केंद्र ने तीसरे चरण की जिम्मेवारी प्रदेश सरकार पर थोपी है और प्रदेश सरकार के प्रयास कागजों में संबंधित कंपनियों से आग्रह करना का रह गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पहले ही तंगहाली में है, जिनकी महामारी से निपटने की नीतियां पहले ही उलझी हुई हैं। प्रदेश की माली हालत खराब हो चुकी है। प्रदेश का लगभग हर वर्ग सरकार से हताश है। प्रदेश की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता मांगे न मानने से काले बिल्ले लगाकर काम कर रही है, जिनकी अन्य मांगें तो दूर, कोरोना वारियर्स भी सरकार घोषित नहीं कर पा रही है। बागवान कार्टन की कीमतों को लेकर उग्र हैं और निजी आप्रेटर व उनसे प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लाखों लोग सड़कों पर आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार पहले ही अपने दायित्वों को निभाने में पिछड़ी हुई है, उस पर इस महामारी से निपटने की कभी आशा भी नहीं की जा सकती, लेकिन केंद्र सरकार में प्रदेश से केंद्रीय राज्य मंत्री व भाजपा संगठन में शीर्ष पर बैठे नेताओं को तो हिमाचल का मर्म समझना चाहिए था। उन्होंने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है और जनता के जज्बातों को समझते हुए सरकार इस महामारी से निपटने के बेहतर प्रबंध करते हुए हर वर्ग के बारे में सोचे।