व्यपारियों ने कहा- स्थिति को नियंत्रण करने के लिए सरकार व्यापर व व्यापारियों को बगैर ब्याज ऋण मुहैया कराये
ऊना, 12 अगस्त (अशवनी शर्मा): कोरोना महामारी ने व्यापार और व्यापारी दोनों की कमर तोड़कर रख दी है। फैक्टरियां बगैर मजदूरों के खुलने के बावजूद बंद पड़ी हैं। ऐसे में सरकार व्यापार और व्यापारियों को बचाने बगैर ब्याज ऋण मुहैया कराने समेत दूसरे जरूरी कदम शीघ्र उठाए जाएं। इसी से स्थिति पर नियंत्रण संभव है। इसमें देरी बड़ी परेशानी का कारण बन सकती है। उत्पादन ठप रहने से डिमांड व सप्लाई का संतुलन बिगड़ जाएगा। इससे पूरी अर्थव्यवस्था चरमरा जाएगी। महंगाई बढ़ेगी। इसका असर सीधे आम आदमी पर ही पड़ेगा। व्यापारियों ने व्यापार को मंदी के दौर से उबारने व बेहतर व्यवस्था बनाने की सोच के साथ सरकार के समक्ष अपनी समस्याएं और उनसे निपटने के सुझाव रखे हैं।
—(राजन कौशल,रमन वर्मा) मार्बल व टाइल व्यापारी।
कोरोना से व्यापार पूरी तरह प्रभावित है। इस समय बाजार करीब 50 प्रतिशत डाउन है। फैक्टरियां भी मजदूरों तथा अन्य कारणों से लगभग बंद हैं। लेबर को वेतन भी दे रहे हैं। ऐसे में सरकार एक प्लेटफार्म बनाए जिससे उन्हें राहत का पैकेज मिले। जीएसटी में छूट दी जाए, ताकि व्यापारी को कुछ राहत मिले।
– (विनय शर्मा,सुनील शर्मा ) उद्योगपति
डीज़ल व पैट्रोल की कीमतों में भारी उछाल से लगभग आम आदमी से लेकर सभी व्यवसायों को प्रभावित किया है । उन्होंने बताया कोरोना के खिलाफ जंग में हम सरकार के साथ हैं। कोविड-19 को गंभीरता से लिए जाने की जरूरत है। सुरक्षित रहने के लिए इससे जुड़ी गाइड लाइन का पालन बेहद जरूरी है। लेकिन सरकार को व्यापारियों की समस्याओं पर ध्यान देना चाहिए। व्यावसायिक गतिविधियां धीमी रफ्तार से ही सही मगर चलती रहनी चाहिए। क्योंकि समाज का बड़ा हिस्सा इससे जुड़ा है। हजारों परिवारों की रोजीरोटी इससे चलती है। ऐसे में सरकार भी व्यापारियों को कुछ सहूलियत प्रदान करे ताकि आर्थिक ढांचा चरमराने न पाए।