अवैध प्रापर्टी निर्माण में चर्चित रहे “किरण बुक शॉप” के मालिक सहित 4 पर हुई FIR दर्ज
एक सड़कछाप नेता के सामने प्रभावशाली साबित हुए थाना 3 प्रभारी
एक इलाकावासी ने कहा की नगर निगम की तरह नहीं “बिका” पुलिस प्रशासन
जालंधर( शिव कुमार) : जिला प्रशासन द्वारा कोरोना महामारी को रोकने के लिए चाहे लाख सख्ती करने के आदेश जारी किए जा रहे हैं पर जिला मजिस्ट्रेट के आदेशों की धज्जियां लालची दुकानदार जमकर उड़ाते हैं और पकड़े जाने पर अपने रसूख के चलते थाने को कार्यवाही न करने के लिए दबाब बनाया जाता है। वीकेंड लॉक डाउन के चलते जहां पूरा शहर बंद था वही बिना अनुमति से रिहायशी इलाके में व्यवसायिक प्रापर्टी खड़ा करने वाला जालंधर का बहुचर्चित किरण बुक डिपो आखिर आज थाना 3 प्रभारी की सजगता से अपने सड़कछाप आकाओं के साथ प्रशासन के काबू आ ही गया। बता दे की पिछले साल से ही लाकडाउन व कर्फ्यू के दौरान प्रशासन की असमर्थता का लाभ उठा कर कुछ सड़कछाप नेताओ के बल पर माई हीरा गेट में निगम की लाचारी के बल पर बिल्डिंग खड़ी करने वाले किरण बुक शाप का मालिक ने पिछले रास्ते से दुकान खोल अपने वर्करों को बुलाया हुआ था और ग्राहक भी किताबें लेने आ रहे थे। जिसकी सूचना थाना 3 में पहुंची और मौके पर थाना प्रभारी मुकेश पार्टी सहित छापेमारी करने पहुंचे जहां दुकान को पीछे के रास्ते से खोला गया था और अंदर काम चल रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुुलिस मुलाजिमों द्वारा सड़कछाप प्रधान सहित मौके पर दबोचे गए सभी आरोपियों को शिकायतकर्ता से माफी मांगने के लिए भी दबाव बनाया गया तांकि मामला रफादफा हो सके। यह सारा ड्रामा थाना प्रभारी मुकेश की आंखों के सामने चल रहा था। मिली जानकारी अनुसार यहां काम करने वाले करीब आधा दर्जन वर्करों को दुकान मालिक समेत रांऊडअप कर थाने ले जाया गया जहां दो घंटे हाईवोल्टेज ड्रामा हुआ। बीच बचाव में पहुचें स्वंयमू प्रधानों व नेताओ ने खूब तिगड़म लगाई तांकि किसी भी तरह से कारवाई रुक जाए। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार पुुलिस मुलाजिमों द्वारा एक स्वंयमू प्रधान सहित दबोचे गए सभी आरोपियों को शिकायतकर्ता से माफी मांगने के लिए भी दबाव बनाया गया तांकि मामला रफादफा हो सके। यह सारा ड्रामा थाना प्रभारी मुकेश की आंखों के सामने चल रहा था। मगर जब मीडिया मौके पहुंची तो थाना प्रभारी ने राजीनामे का किस्सा खत्म कर रांऊडअप किए गए आरोपियों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली। थाना 3 के प्रभारी मुकेश ने बताया कि चार आरोपियो के खिलाफ जिला मैजिस्ट्रेट के आदेशों की उलंघना, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में लापरवाही बरतने की धाराओं के तहत FIR दर्ज की गई है। आरोपियों की पहचान साहिल आनंद पुत्र किरण आनंद वासी गोपाल नगर, राजेश अरोड़ा पुत्र अश्विनी अरोड़ा वासी टांडा रोड, विशाल पुत्र राम निवास वासी बलदेव नगर, मोनू पुत्र सतपाल सिंह वासी लद्देवाली रोड के तौर पर हुई है। बता दें कि अगर पुलिस जिला प्रशासन के आदेशों की उलंघना करने वाले दुकानदारों को रांऊडअप करके थाने लेकर आती है तो सड़कछाप नेता अपने चमचों को लेकर चंद ही मिनटों में थाने पहुंच जाते हैं और पुलिस की कारवाई को दिशाहीन करने तथा आरोपियों की अदला बदली करने का दबाव बनाते हैं। आखिर इन छुटभैया नेताओं तथा इनके चमचों के खिलाफ जिला मैजिस्ट्रेट के आदेशों की उलंघना, डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट, कोरोना महामारी को फैलने से रोकने में लापरवाही बरतने की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज नहीं होनी चाहिए ?